अपनी गलती को महसूस करना "यदि आप भला चाहते हैं , तो भूल को महसूस करना , उसकी तरफ़ ध्यान दे
कर उसे निकलना आपकी शान्ति और सुख चैन के लिए जरूरी हो जाता है ! अगर आप अपनी गलती महसूस नही करते तो फ़िर गलती पैर गलती होती रहती है ! गलती की कई परते जमा हो जाती है ! अगर आप महसूस कर लेते हो , तो गलती पलती नही, बल्कि पिघलती है ! महसूसता एक ऐसी ब्रेक है , जो गलती को आगे नही बढ़ने नही देती , इसलिये गलती को ठीक करने के लिए पहेला कदम है, गलती को महसूस कंरना
आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
जवाब देंहटाएंरचना गौड़ ‘भारती