याद आता है.......
याद आता है
वो माँ का लोरी सुनाना
कल्पना के घोड़े पर
परियों के लोक ले जाना
चुपके से दबे पांव
नींद का आ जाना
सपनों की दुनियाँ में
बस खो जाना ...खो जाना...खो जाना..................
याद आता है
वो दोस्तों संग खेलना
झूले पर बैठ कर
हवा से बातें करना
कोमल उन्मुक्त मन में
इच्छाओं की उड़ान भरना
बस उड़ते जाना...उड़ते जाना...उड़ते जाना.............
याद आता है
वो यौवन का अल्हड़पन
सावन की फुहारें
वो महका बसंत
समेट लेना आँचल में
कई रुमानी ख़ाब
झूमना फिज़ाओं संग
बस झूमते जाना...झूमते जाना...झूमते जाना............
याद आता है
वो हर खुशनुमा पल
बस याद आता है..............
याद आता है.............
याद आता है................!!
सुमन 'मीत'
DHANYAWAAD BLOG PAR ANE AUR AUR MERA HOSLA BADHANE KE LIYE
जवाब देंहटाएंUMEED HAI AGE BHI MERA HOSLA BADHAYEGE