वर्ष-2011 में जहां प्रेम की रचनात्मकता दिखी वहीँ रचनात्मकता में प्रेम....

साहित्य के ब्लॉग का औसत भी बहुत संतोषप्रद नही दीखता, क्योंकि तमाम हिंदी प्रेमियों में साहित्यकारों की संख्या सर्वाधिक होने के वाबजूद औसत केवल14% के आसपास है । अन्य विषयों का आंकलन करने पर पाया गया कि पर्यावरण, वन्य जीवन, ग्लोबलवार्मिंग से संबंधित ब्लॉग के साथ-साथ वेब डिजाइन, ई– लर्निंग, पॉडकास्ट, रेडियो, वीडियो, खेल, खेल गतिविधि, खाद्य, पाक कला, टीवी, बॉलीवुड सिनेमा, मनोरंजन आदि से संबंधित ब्लॉग का औसत1% के आसपास है । बच्चों से संबंधित ब्लॉग का औसत जहां 2% है, वहीँ नारी सशक्तिकरण से संबंधित ब्लॉग का औसत केवल 1% के आसपास। सबसे दयनीय स्थिति है बंगाली, कन्नड़, गुजराती, मलयालम, सिंधी, उर्दू, संस्कृत, तमिल तथा अंग्रेजी से अनुवाद वाले ब्लॉग के साथ-साथ मानव संसाधन, वित्त, प्रबंधन, निवेश, शेयर बाजार, व्यापार, सरकार, विज्ञापन, कानून,खोज, इंटरनेट मार्केटिंग, वेब विश्लेषिकी,प्रौद्योगिकी, गैजेट्स, मोबाइल,संगीत, नृत्य,फैशन,उद्यम और आविष्कार से संबंधित ब्लॉग की , जिसकी औसत काफी नगण्य है ।


हिंदी ब्लॉगजगत केवल साहित्य और मुद्दों का अखाड़ा मात्र नहीं है। यहां हल्की-फुल्की चीजें भी मौजूद हैं। जैसे कार्टून, हास्य आदि। वर्ष-2008 से सक्रिय ताऊ रामपुरिया ने ताऊ डाट इन पर इसवर्ष भी खूब धमाल मचाया, जैसा कि नाम से जाहिर है, हास्य का पिटारा है यह ब्लॉग। दिमागी कसरत और तनाव मुक्ति के लिए सर्वथा उपयुक्त जगह।
अप्रैल-2007 से लगातार कला और संगीत में सराबोर होकर तरह तरह का खूबसूरत प्रयोग कर रहा है एक ब्लॉग रेडियो वाणी । यहां पुराने गानों को 'पढ़ा' भी जा सकता है और डाउनलोड भी किया जा सकता है। सगीत के विभिन्न आयाम को समेटे अनोखे प्रयोग करने वाले ब्लॉगर युनुस खान मध्यप्रदेश के दमोह शहर में पैदा हुए और म0प्र0 के कई शहरों में पले बढे । बचपन से ही संगीत, साहित्य और रेडियो में गहरी दिलचस्पी थी । सन 1996 से मुंबई स्थित देश के प्रतिष्ठित रेडियो चैनल विविध भारती (vividh bharati) में ये एनाउंसर हैं । नए पुराने तमाम अच्छे गीतों में गहरी रूचि है इनकी । संगीत प्रेमियों के लिए उपयुक्त जगह है ये।

इस वर्ष ब्लॉग स्पेस का उपयोग जागरुकता फैलाने के लिए काफी हुआ ।ब्लॉग पर महिला अधिकारों, पर्यावरण संबधी मसलों और समाज के विभिन्न वर्गों के हितों पर काफी कुछ लिखा गया । कहीं अन्ना का आन्दोलन छाया रहा तो कहीं कीमतों में बढ़ोत्तरी का रोना।कहीं सरकार और सरोकार के प्रति द्वंद्व दिखा तो कहीं बंगाल के चुनावी परिणाम पर आश्चर्य मिश्रित प्रतिक्रया, किन्तु इस सबसे अलग एक ब्लॉग ऐसा भी था जो हर पल मानवाधिकार की बात करता रहा पूरे वर्ष भर । मानव अधिकार संबंधी लेख यही नाम है इस ब्लॉग का, फरवरी महीने की एक पोस्ट में जिसमें ब्लॉगर का कहना है कि, "अंजाम देखा आपने हुस्ने मुबारक का,था मिस्र का भी वही जो है हाल भारत का,परजीवियों के राज का तख्ता पलट कर दो,जन में नई क्रांति का जोश अब भर दो,उठो आओ हिम्मत करो क्रांति का परचम धरो,मत भूलो यह सरोकार अच्छा है मानवाधिकार।"
साहित्यिक ब्लॉग की श्रेणी में इस वर्ष 'वातायन' में काफी सक्रियता देखी गयी । वरिष्ठ लेखक रूपसिंह चंदेल का ब्लॉग वातायन कविता, कहानी, जीवनी, आलेख, रिपोर्ट और यहां तक कि साहित्यिक समाचारों का एक अनुपम गुलदस्ता है। इस वर्ष इसपर कई साहित्यकारों की उत्कृष्ट रचनाएं पढ़ने को मिली है । इसी श्रेणी का एक और सक्रिय ब्लॉग सृजनयात्रा' अपनी सक्रियता से सबको अचंभित करता रहा पूरे वर्ष भर। इसके मॉडरेटर सुभाष नीरव साहित्यकार हैं और अपनी रचनाओं का संकलन उन्होंने यहां किया है। सुभाष नीरव के अन्य साहित्यिक ब्लॉग यथा कथा पंजाब , गवाक्ष , सेतु साहित्य , वाटिका आदि ने भी इस वर्ष पाठकों को काफी आकर्षित किया ।
डॉ.सरोजिनी साहू का विश्व की नारीवादी लेखिकाओं में एक विशिष्ट स्थान हैं. दिनेश कुमार माली ने अपने ब्लॉग 'सरोजिनी साहू की श्रेष्ठ कहानियां' में लेखिका की कई चुनी हुई कहानियों का अनुवाद पेश करने का प्रयास किया है, किन्तु अफसोस इस बात का है कि हिंदी में उडिया साहित्य से अनुवाद का एकमात्र यह ब्लॉग इस वर्ष अपडेट नहीं हुआ।

जिस शरीर के सहारे हम जीवन भर 'जीते' हैं, उसके प्रति अक्सर उदासीन रहते हैं। तब तक, जब तक यह गंभीर संकेतों द्वारा खुद अपनी ओर हमारा ध्यान न खींचे। एक ब्लॉग हैRAINBOW/इंद्रधनुष,जहाँ कैंसर पर बात होती है। चाट जाने वाले इस रोग से जुड़े तमाम पहलुओं और जानकारियों से अवगत करवाने वाली ब्लॉगर आर अनुराधा खुद एक कैंसर विजेता हैं। हिंदी ब्लॉग जगत में यह अपनी तरह का संभवतः पहला ब्लॉग है और वर्ष-2008 से लगातार सक्रिय भी है।
अब आईए बेटियों की बात करते हैं । एक अनोखा ब्लॉग है बेटियों का ब्लॉग। हिंदी ब्लॉगजगत में अपनी तरह का यह अनोखा ब्लॉग है जहां केवल बेटियों की ही चर्चा होती है। इसमें बेटियों के माता- पिता और खुद बेटियां अपनी बातें साझा करती हैं।
मीडियाकर्मियों क्रमश: आर. अनुराधा ,राजेंद्र भट्ट , प्रणव प्रियदर्शी और दिलीप मंडल द्वारा संचालित ब्लॉग रिजेक्टमाल पर इस वर्ष हालांकि कुछ खास हलचल नहीं देखा गया, किन्तु कुछ अच्छे विषय और मुद्दे को उठाकर पाठकों को आकर्षित अवश्य किया है। आंकड़ों और संवेदनाओं का अनूठा संगम है यह ब्लॉग, क्योंकि यहां तर्क के आधार पर भावनाओं को स्थापित किया जाना देखा गया है।
अब आइये ज़रा प्रेम अथवा प्रेम की अनुभूतियों की ओर चलें,जहां सादगी है,पवित्रता है और भावनाओं की गहरी अनुभूति भी।हिंद युग्म की अनुपम प्रस्तुति है एक ब्लॉग आवाज़ जहां साज और आवाज़ का वेहद संतुलित संयोजन देखने को मिला इस वर्ष।वैसे तो इस ब्लॉग का अंदाज़े वयं हीं कुछ और है, किन्तु प्यार की अनुभूति से सराबोर उसकी एक प्रस्तुति ने पाठकों को काफी आकर्षित किया शीर्षक है इसी को प्यार कहते हैं.. प्यार की परिभाषा जानने के लिए चलिए हम शरण लेते हैं।
शमशेर बहादुर सिंह की कविता की इन पंक्तियों "आज कोई ज़ख्म इतना नाज़ुक नहीं जितना यह वक्त है.. जिसमे हम तुम, सब रिस रहे हैं....चुप चुप" को पञ्चलाईन बनाता अभी का एक ब्लॉग है एहसास प्यार का.. जिसपर वर्ष-2011 में प्यार की सुखद अनुभूतियों से लबरेज कई पोस्ट देखे गए। हृदयानुभूतिका मानना है कि "प्यार एक मात्र भ्रम है इससे अधिक कुछ नहीं,हाँ सभी को इसका अलग-अलग ग़ुमां ज़रूर होता है। कोई प्यार में बावरा हुआ जाता है कोई प्यार में खुद को तलाशता है। आप सही गलत सब प्यार की नज़र से देखते हैं और यही भ्रम आपको खोखला करता चला जाता है,पूरी तरह।" वैसे तो वटवृक्षएक ब्लॉग है, किन्तु ब्लॉग पर प्रकाशित उत्कृष्ट रचनाओं का एक नायाब गुलदस्ता है । इसपर भी वर्ष-2011 में अनेकानेक स्तरीय प्रेम कवितायें पढ़ने को मिली।इस पर इस वर्ष प्रकाशित प्यार के पोपकोर्नकाफी लोकप्रिय हुआ ।
प्रेम की अनुभूतियों को काव्य में गूंथकर अनुपम प्रस्तुति करने वाला एक और ब्लॉग है आरंभन जहां इस वर्ष प्रेम पर आधारित अनेकानेक मोहक प्रस्तुतियां देखी गयी । वहीँ मेरी भावनाएं पर रश्मि प्रभा ने किताबों वाला प्यार की चर्चा की । मन को छूती हुयी इस काव्य प्रस्तुति को पाठकों ने काफी सराहा। रजनीश ने काव्य में पिरोकर जहां प्यार भरी बातें की.... वहीँ रचना ने कहा कि प्यार हो जाने का एहसास प्यार पाने के अहसास से ज्यादा सुकून देता हैं ।cinema- सिलेमा पर इस वर्ष प्रकाशित तमाम प्रेम परक फिल्म की समीक्षा प्रस्तुत की गयी है प्यार ही प्यार, बेशुमार..शीर्षक से ।
ब्लॉग का नाम है " किस्सा और कहानी, ग़ज़ल, गीत और चुटकुला, प्यार और दोस्ती" ।इस ब्लॉग पर हर प्रकार की प्रस्तुति केवल प्यार को केंद्र में रखकर प्रस्तुत की जाती है। हिंदी में मज़ेदार, हंसाने वाले, शिक्षाप्रद, कहानी, किस्सा, चुटकुला, दोस्त, दोस्ती, गीत, ग़ज़ल, शायरी, प्यार, प्रेम, कमाई, चिंता, आर.टी.यू., जोक्स, और भी बहुत खुछ है इस ब्लॉग में। मेरी दोस्ती मेरा प्यार नाम से एक ब्लॉग भी है ब्लोगर हैं मुस्कान, जिसपर इस वर्ष कुछ बेहतर अनुभूतियों से पाठक रूब रू हुए । सच का सामना पर पूछा गया कि आखिर यह यह प्यार क्या है ? मैं और मेरी सोच पर शशांक मेहता ने प्यार पर बड़ी खुबसूरत कविता कही कल का प्यार और आज की दोस्ती । उन्मुक्त ने कहा प्यार तो होता ही है। रैन बसेरा पर प्यार कुछ अनोखे ढंग से परोसा गया । कुश की कलम ने कहा प्यार को प्यार ही रहने दो.. कोई नाम ना दो, जबकि मेरी भावनायें ने कहा प्यार मर जाता है।
इन सबके अलावा स्पंदन SPANDAN पर रूहानी प्यार "रॉक स्टार", क्वचिदन्यतोSपि पर आप किस बच्चे को ज्यादा प्यार करते हैं,चला बिहारी ब्लॉगर बनने पर प्यार, दोस्ती और भक्ति, मनोज पटेल द्वारा अनूदित नाजिम हिकमत की कविता तुम्हें प्यार करता हूँ मैं को पढ़ते-पढ़ते पर पाठकों ने काफी पसंद किया । बहुत कुछ लिखा गया इस वर्ष प्यार के ऊपर, किन्तु एक ब्लॉग पर लिखा गया भावनाओं से परे जाकर सच और नहीं लिखा गया सच के सिबा कुछ और।

........विश्लेषण अभी जारी है,फिर मिलते हैं लेकर वर्ष-2011 की कुछ और झलकियाँ
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