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युवाओ पीढी के लिए प्रेरणा स्रोत -एक कविता




युवाओ पीढी के लिए प्रेरणा स्रोत -एक कविता
कर उधम, उठा कदम
कर्म में ना, कर शर्म
राह बड़ी कटीली है
विकास की जो सीढी है
उमंग से इसे पकड़
बाँहों में यूँ जकड़
आगे ही उठेंगे पग
विश्वास कर ये अटल
धैर्यच्यूत ना हो अगर
पथ भी हो सुगम
विन्रम हो तू अगर
सोच भी, हो सुलभ
आत्ममंथन जो तू कर
शत्रु का दमन कर
हृदय में प्रेम भर
विश्व का गमन कर
वैर का दमन कर
इच्छाशक्ति कर दृढ
लक्ष्य को प्राप्त कर
कर्मयोगी बन अगर
मर्यादा का ध्यान कर
संघर्ष करे तू अगर
गर्व से उठेगा सर

Phool Singh

1 comments:

  1. सच कहता हूँ पापा मानो
    मेरे तो भगवान तुम्हीं हो
    सृष्टि के त्रिदेव से बढकर
    मँजुल सम्मान तुम्ही हो

    जवाब देंहटाएं

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