युवाओ पीढी के लिए प्रेरणा स्रोत -एक कविता
कर उधम, उठा कदम
कर्म में ना, कर शर्म
राह बड़ी कटीली है
विकास की जो सीढी है
उमंग से इसे पकड़
बाँहों में यूँ जकड़
आगे ही उठेंगे पग
विश्वास कर ये अटल
धैर्यच्यूत ना हो अगर
पथ भी हो सुगम
विन्रम हो तू अगर
सोच भी, हो सुलभ
आत्ममंथन जो तू कर
शत्रु का दमन कर
हृदय में प्रेम भर
विश्व का गमन कर
वैर का दमन कर
इच्छाशक्ति कर दृढ
लक्ष्य को प्राप्त कर
कर्मयोगी बन अगर
मर्यादा का ध्यान कर
संघर्ष करे तू अगर
गर्व से उठेगा सर
Phool Singh
सच कहता हूँ पापा मानो
जवाब देंहटाएंमेरे तो भगवान तुम्हीं हो
सृष्टि के त्रिदेव से बढकर
मँजुल सम्मान तुम्ही हो