Home » YOU ARE HERE » लो क सं घ र्ष !: हिंदी ब्लॉगिंग की दृष्टि से सार्थक रहा वर्ष-2009, भाग-2

लो क सं घ र्ष !: हिंदी ब्लॉगिंग की दृष्टि से सार्थक रहा वर्ष-2009, भाग-2

वर्ष-2009 में जो कुछ भी हुआ उसे हिंदी चिट्ठाजगत ने किसी भी माध्यम की तुलना में बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने की पूरी कोशिश की है। चाहे बाढ़ हो या सूखा या फिर मुम्बई के आतंकवादी हमलों के बाद की परिस्थितियाँ, चाहे नक्सलवाद हो या अन्य आपराधिक घटनाएँ, चाहे पिछला लोकसभा चुनाव हो अथवा हुए कई राज्यों के विधानसभा चुनाव या साम्प्रदायिकता, चाहे फिल्में हों या संगीत, चाहे साहित्य हो या कोई अन्य मुद्दा, तमाम ब्लॉग्स पर इनकी बेहतर प्रस्तुति हुई है।
कुछ ब्लॉग ऐसे है जिनकी चर्चा कई ब्लॉग विश्लेषकों के माध्यम से विगत वर्ष 2008 में भी हुई थी और आशा की गई थी कि वर्ष 2009 में इनकी चमक बरकरार रहेगी। ब्लॉग चर्चा के अनुसार सिनेमा पर आधारित तीन ब्लॉग वर्ष 2008 में शीर्ष पर थे । एक तरफ तो प्रमोद सिंह के ब्लॉग सिलेमा सिलेमा पर सारगर्भित टिप्पणियाँ पढ़ने को मिली थीं, वहीं दिनेश श्रीनेत ने इंडियन बाइस्कोप के जरिए निहायत ही निजी कोनों से और भावपूर्ण अंदाज से सिनेमा को देखने की एक बेहतर कोशिश की थी। तीसरे ब्लॉग के रूप में महेन के चित्रपट ब्लॉग पर सिनेमा को लेकर अच्छी सामग्री पढ़ने को मिली थी। हालाँकि समयाभाव के कारण परिकल्पना पर केवल एक ब्लॉग इंडियन बाइस्कोप की ही चर्चा हो पाई थी। यह अत्यन्त सुखद है कि उपर्युक्त तीनों ब्लाॅग्स वर्ष 2009 में भी अपनी चमक और अपना प्रभाव बनाये रखने में सफल रहे हैं ।
इसीप्रकार जहाँ तक राजनीति को लेकर ब्लॉग का सवाल है तो अफलातून के ब्लॉग समाजवादी जनपरिषद, नसीरुद्दीन के ढाई आखर, अनिल रघुराज के एक हिन्दुस्तानी की डायरी, अनिल यादव के हारमोनियम, प्रमोद सिंह के अजदक और हाशिया का जिक्र किया जाना चाहिए। ये सारे ब्लाॅग्स वर्ष 2008 में भी शीर्ष पर थे और वर्ष 2009 में भी शीर्ष पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल हुए हैं ।
वर्ष 2008 में संगीत को लेकर टूटी हुई, टूटी हुई, बिखरी हुई आवाज, सुरपेटी, श्रोता बिरादरी, कबाड़खाना, ठुमरी, पारूल चाँद पुखराज का चर्चित हुए थे, जिनपर सुगम संगीत से लेकर क्लासिकल संगीत को सुना जा सकता था, पिछले वर्ष रंजना भाटिया का अमृता प्रीतम को समर्पित ब्लॉग ने भी ध्यान खींचा था और जहाँ तक खेल का सवाल है, एनपी सिंह का ब्लॉग खेल जिंदगी है पिछले वर्ष शीर्ष पर था। पिछले वर्ष वास्तु, ज्योतिष, फोटोग्राफी जैसे विषयों पर भी कई ब्लॉग शुरू हुए थे और आशा की गई थी कि ब्लॉग की दुनिया में 2009 ज्यादा तेवर और तैयारी के साथ सामने आएगा। यह कम संतोष की बात नहीं कि इस वर्ष भी उपर्युक्त सभी ब्लाॅग्स सक्रिय ही नहीं रहे अपितु ब्लॉग जगत में एक प्रखर स्तंभ के मानिंद दृढ़ दिखे। निश्चित रुप से आनेवाले समय में भी इनकी दृढ़ता और चमक बरकरार रहेगी यह मेरा विश्वास है।
यदि साहित्यिक लघु पत्रिका की चर्चा की जाए तो पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा धारदार दिखी -मोहल्ला। अविनाश मोहल्ला के कॉलम में चुने ब्लॉगों पर मासिक टिप्पणी करते हैं और उनकी संतुलित समीक्षा भी करते हैं। इसीप्रकार वर्ष 2008 की तरह वर्ष 2009 के अनुराग वत्स के ब्लॉग ने एक सुविचारित पत्रिका के रूप में अपने ब्लॉग को आगे बढ़ाया हैं।
आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि भारतीय सिनेमा में जीवित किंवदंती बन चुके बिग बी श्री अमिताभ बच्चन जल्द ही अपना हिंदी में ब्लॉग शुरू करेंगे। यह घोषणा उन्होंने 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के अवसर पर की है। उन्होंने कहा है कि-यह बात सही नहीं है कि मैं सिर्फ अंग्रेजी भाषा के प्रशंसकों के लिए लिखता हूँ। अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर खुलासा किया है कि वह जल्दी ही हिंदी और अन्य भाषाओं में ब्लॉग लिखने की चेष्टा करेंगे, ताकि हिंदी भाषी प्रशंसकों को सुविधा हो। जबकि मनोज बाजपेयी पहले से ही हिन्दी में ब्लॉग लेखन से जुड़े हैं।
पिछले वर्ष ग्रामीण संस्कृति को आयामित कराने का महत्वपूर्ण कार्य किया था खेत खलियान ने, वहीं विज्ञान की बातों को बहस का मुद्दा बनाने में सफल हुए थे पंकज अवधिया अपने ब्लॉग मेरी प्रतिक्रया में। हिन्दी में विज्ञान पर लोकप्रिय और अरविन्द मिश्रा के निजी लेखों के संग्राहालय के रूप में पिछले वर्ष चर्चा हुई थी सांई ब्लॉग की, ग़ज़लों, मुक्तकों और कविताओं का नायाब गुलदस्ता महक की, ग़ज़लों का और गुलदस्ता है अर्श की, युगविमर्श की, महाकाव्य की, कोलकाता के मीत की, डॉ. चन्द्र कुमार जैन की, दिल्ली के मीत की, दिशाएँ की, श्री पंकज सुबीर जी के सुबीर संवाद सेवा की, वरिष्ठ चिट्ठाकार और सृजन शिल्पी श्री रवि रतलामी जी का ब्लॉग“ रचनाकार की, वृहद् व्यक्तित्व के मालिक और सुप्रसिद्ध चिट्ठाकार श्री समीर भाई के ब्लॉग“ उड़न तश्तरी“ की, " महावीर" " नीरज " "विचारों की जमीं" "सफर " " इक शायर अंजाना सा…" "भावनायें... " आदि की।
इसी क्रम में हास्य के एक अति महत्वपूर्ण ब्लॉग ठहाका हिंदी जोक्स तीखी नजर बनततमदज बामुलाहिजा चिट्ठे सम्बंधित चक्रधर का चकल्लस और बोर्ड के खटरागी यानी अविनाश वाचस्पति तथा दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका आदि की । वर्ष 2008 के चर्चित ब्लॉग की सूची में और भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग जैसे जबलपुर के महेंद्र मिश्रा के निरंतर, अशोक पांडे का “कबाड़खाना“, डाॅ राम द्विवेदी की अनुभूति कलश, योगेन्द्र मौदगिल और अविनाश वाचस्पति के सयुक्त संयोजन में प्रकाशित चिट्ठा हास्य कवि दरबार, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के प्रवीण त्रिवेदी का “प्राइमरी का मास्टर“ लोकेश जी का “अदालत“, बोकारो झारखंड की संगीता पुरी का गत्यात्मक ज्योतिष, उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर सकल डीहा के हिमांशु का सच्चा शरणम्, विवेक सिंह का स्वप्न लोक, शास्त्री जे सी फिलिप का हिन्दी भाषा का सङ्गणकों पर उचित व सुगम प्रयोग से सम्बन्धित सारथी, ज्ञानदत्त पाण्डेय की मानसिक हलचल और दिनेशराय द्विवेदी का तीसरा खंभा आदि की चर्चा वर्ष-2008 में परिकल्पना पर प्रमुखता के साथ हुई थी और हिंदी ब्लॉगजगत के लिए यह अत्यंत ही सुखद पहलू है, कि ये सारे ब्लॉग वर्ष-2009 में भी अपनी चमक बनाये रखने में सफल रहे हैं।

-रवीन्द्र प्रभात
(क्रमश:)

लोकसंघर्ष पत्रिका के जून-2010 अंक में प्रकाशित

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्‍यवसायिक ब्‍लोगर्स की अभिव्‍याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।

Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.

Popular Posts

Followers