बुढापे ने दी है दस्तक,
कभी खाँसता हूँ कभी खखारता हूं!
अब अपने अनुभवों से ,
अगली पीढी को सवाँरता हूँ !!बुढापे ने ........
बेशक उन्हे नसीहत,फ़ज़ीहत लगे,
पर उन्हे भी नकारता हूँ !! बुढापे ने ........
अब गोली और गाली है,
फ़िर भी भूखे पेट ही डकारता हूं!! बुढापे ने ........
बच्चे देते है झिडकी,
फ़िर भी हरदम उन्हे पुकारता हूं!! बुढापे ने ........
आते है जब नन्हे -मुन्ने ,
नाती-पन्थी उन्हे ही पुकारता हूं !!बुढापे ने ........
लौट आता है बचपन,
कभी गुनगुनाता,क्भी चिघांडता हूं!!बुढापे ने ........
दर्द के अह्सास को ,
सहेज़ो,पालोबस यही फ़ुँकारता हूं !!बुढापे ने ........
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
कभी खाँसता हूँ कभी खखारता हूं!
अब अपने अनुभवों से ,
अगली पीढी को सवाँरता हूँ !!बुढापे ने ........
बेशक उन्हे नसीहत,फ़ज़ीहत लगे,
पर उन्हे भी नकारता हूँ !! बुढापे ने ........
अब गोली और गाली है,
फ़िर भी भूखे पेट ही डकारता हूं!! बुढापे ने ........
बच्चे देते है झिडकी,
फ़िर भी हरदम उन्हे पुकारता हूं!! बुढापे ने ........
आते है जब नन्हे -मुन्ने ,
नाती-पन्थी उन्हे ही पुकारता हूं !!बुढापे ने ........
लौट आता है बचपन,
कभी गुनगुनाता,क्भी चिघांडता हूं!!बुढापे ने ........
दर्द के अह्सास को ,
सहेज़ो,पालोबस यही फ़ुँकारता हूं !!बुढापे ने ........
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
अच्छे व प्यारे शब्द।
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