फासले तो प्यार की यादें भुला देते हैं
लोग भी तो प्यार की क्या कम सजा देते हैं
प्यार गर कोई करे तो फ़िर खुदा से ही हो
फ़िर नहीं कोई कहाँ हस्ती मिटा देते हैं
ठोकरें खायी न हो जिसने कभी भी तो गर
वक्त के हालात उसको तो सिखा देतें हैं
जब भलाई और दरिया दिल चले होकर हम
लोग ऐसे कौन किसको कब सिला देते हैं
जो मगर हमने किया वो तो फरज है समझा
काम हमसे वो खुदा ही तो करा देते हैं !!
लोग भी तो प्यार की क्या कम सजा देते हैं
प्यार गर कोई करे तो फ़िर खुदा से ही हो
फ़िर नहीं कोई कहाँ हस्ती मिटा देते हैं
ठोकरें खायी न हो जिसने कभी भी तो गर
वक्त के हालात उसको तो सिखा देतें हैं
जब भलाई और दरिया दिल चले होकर हम
लोग ऐसे कौन किसको कब सिला देते हैं
जो मगर हमने किया वो तो फरज है समझा
काम हमसे वो खुदा ही तो करा देते हैं !!
जो मगर हमने किया वो तो फरज है समझा
जवाब देंहटाएंकाम हमसे वो खुदा ही तो करा देते हैं !!
वाह वाह , खुबसूरत शेर दाद को मुहताज नहीं , बहुत खूब
सुनील जी,
जवाब देंहटाएंखूबसूरत दाद के लिए दिली शुक्रिया !
very nice Ramesh ji
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु हार्दिक आभार विक्षिप्त जी !
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