सफलता की बुलंदियाँ छूते 'ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ हिमाचल' का वार्षिकोत्सव
रिपोर्ट:- दीपक शर्मा 'कुल्लुवी' (बिशेष संबाददाता) हिमवंती
करम करते जो दुनियाँ में सफल होते वही इन्सान
ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ हिमाचल की है अपनी इक पहचान
अकेले चले थे जयदेव 'विद्रोही' आज सारा ज़माना साथ है
बढती गयी बढ़ती ही गई कम न हुई कभी शान ...
ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ हिमाचल का वार्षिक (सातवाँ) समारोह चील के हरे भरे सुन्दर वृक्षों से घिरे ढालपुर मैदान कुल्लू स्थित 'देव सदन' के भव्य आडोटोरियम में दोपहर एक बजे से देर शाम सात बजे तक आयोजित किया गया सारा हाल दर्शकों, पत्रकारों, कलाकारों और मेहमानों से खचाखच भरा हुआ था I
जयदेव विद्रोही जी नें कार्यक्रम का उद्घाटन,शुभारम्भ धर्मशाला हिमाचल प्रदेश से आए 90 वर्षीय महान लेखक,शिक्षाविद प्रिंसिपल श्री पी०एन०शर्मा जी के हाथों माँ सरस्वती की तस्वीर के सामने दीप प्रज्व्वलित करवा कर किया I
90 वर्षीय महान लेखक,शिक्षाविद प्रिंसिपल मेजर परमानन्द शर्मा जी ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई उनके साथ उनके सपुत्र श्री ललित शर्मा जी भी साथ आए थे जो खुद एक रिटायर्ड प्रिंसिपल और विद्वान लेखक हैं हिमवंती के बिशेष संबाददाता की हैसियत से मंच पर मुझे श्री पी० एन० शर्मा जी की जीवन उपलब्धियों का व्योरा पढनें के लिए आमंत्रित किया गया जो मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात थी I कैथल हरियाणा से आए लेखक,प्रकाशक श्री सुरेश जांगिड 'उदय' जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता का दायित्व संभाला I मुख्य अतिथि,अध्यक्ष महोदय व आए हुए अन्य मेहमानों का स्वागत विद्रोही जी और गिल्ड के अन्य पदाधिकारियों नें किया I
कार्यक्रम के पहले सत्र में ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ हिमाचल के क्रियाकलापों का बिवरण,अतिथियों का सम्मान,'हिमवंती' के ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ हिमाचल विशेषांक का विमोचन और प्रतिभाओं को कुल्लू की शान कुल्लू की पहचान कुलवी टोपी,कुलवी शाल,प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिन्ह (मोमेंटो) से सम्मानित किया गया और दूसरे सत्र में एक शानदार कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें हिन्दोस्तान के भिन्न भिन्न प्रान्तों से आए कविगणों,गायकों ने शे-र ,गज़लें कविताएँ और गीत सुनाए जिनमें हिंदी ,पहाड़ी ,उर्दू व अंग्रेजी का एक अनोखा संगम देखने को मिला और बीच बीच में श्रोता चाय की चुस्कियों के साथ साथ कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाते नज़र आए I
वयोवृद्ध जनाव 'आरफी' साहब ने जब शेर और ग़ज़लें सुनाई तो श्रोताओं की आँखें नम हो गयीं खुद उनकी आँखें भी छलक आयीं उन्होंने कहा मैं 'विद्रोही' जी के इस अवार्ड के लिए ही शायद अब तक जिंदा था हाल के अन्दर ही लेखकों की किताबों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी I मंडी से आए रमेश 'रवि' जी ने तरन्नुम में अपनी रचना प्रस्तुत की I डा० ज़िय्या उर रहमान जी ने अपने दिलकश अंदाज़ में रचनाएँ सुनाई I विद्रोही जी कि प्रशंसक और लेखिका 'अनुभा' ने पहली बार मंच पर अपनी कविता प्रस्तुत की और खूब वाहवाही लूटी I संचिता,कांता शर्मा,उर्मिला गौतम जी की रचनाएँ भी सबनें खूब पसंद की I भावुक और डिमरी जी ने जोशीले अंदाज़ में रचनाएँ सुनायीं I मुझे भी अपने दो पहाड़ी (कांगड़ी) व्यंग्य सुनानें का मौक़ा मिला I दो लोकगायिकाओं नें अपनी मधुर सुरीली आवाज़ में सुन्दर पहाड़ी गीत सुनाए जिससे श्रोता मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सके I लवण ठाकुर जी ने अंग्रेजी कविता सुनाई,प्रशासनिक अधिकारी डा० एम० पी० सूद जी ने अपनी रचना सुनाने से पहले यह खुलासा कर बीते दिनों की याद दिला दी की 'विद्रोही' जी को मैं बचपन से अंकल कहता था पड़ोसी होने के साथ साथ मेरे पिता जी के अच्छे मित्र भी हैं I दूसरे सत्र की बागडोर सूरत ठाकुर जी ने थामें रखी
बाहर से आए मेहमानों को हरे भरे सुन्दर वृक्षों और फूलों से घिरे खूबसूरत सर्कट हॉउस कुल्लू,देव सदन व अन्य स्थानों पर ठहराया गया था I इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री सतीश चन्द्र कौड़ा,गणेश भारद्वाज गणी,डा०सूरत ठाकुर,डा० ओम शर्मा और उनके संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों व रमेश मस्ताना जी ने विद्रोही जी का भरपूर सहयोग किया I पूर्व बागवानी मंत्री श्री सत्य प्रकाश ठाकुर जी ने गिल्ड की सफलताओं व गिल्ड के संस्थापक अध्यक्ष जयदेव विद्रोही जी को उनकी अथाह लग्न, साहित्य प्रेम,मेहनत और कर्मठता के लिए खूब सराहा I हैरानी की बात यह थी कि 90 बरस कि उम्र में भी श्री पी०एन०शर्मा जी इतने चुस्त दरुस्त इतने फुर्तीले हैं कि जवान भी दांतों तले उंगली दवा लें और उनकी याददाश्त का तो कहना ही क्या रचनाओं का भंडार मुंह जवानी याद है उन्होंने भी विद्रोही जी कि जमकर तारीफ कि और खासतौर पर यह कहा कि मुझे कई बड़े बड़े नेता,लोग बुलाते हैं अवार्ड बगैरा के लिए लेकिन मैं नहीं जाता लेकिन जयदेव विद्रोही से इतना प्रेम है कि उन्होंने मुझे केवल एक बार कहा और मैंने उसी वक़्त आने के लिए हामी भर दी I अर्की से डा०ओम प्रकाश जी पधारे थे I उर्मिला गौतम जी नें 'विद्रोही' जी के व्यक्तित्व की खूब तारीफ की I
इससे पहले सुबह दस बजे 'राईटर्ज़ एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन' की विद्रोही जी द्वारा पूर्व निर्धारित मीटिंग सर्कट हॉउस कुल्लू में की गई जिसमें अनेक लेखक,पत्रकार उपस्थित रहे विद्रोही जी नें कैथल हरियाणा से आए लेखक,प्रकाशक श्री सुरेश जांगिड 'उदय' जी हरियाणा की और डा०ज़िय्या उर रहमान जी को सोलन की कमान सौंपी I इसमें हिमाचल दस्तक के पत्रकार 'भावुक' लवण ठाकुर,उदय,सिद्दीक़ी साहब,विद्रोही,और अन्य साहित्यकारों,पत्रकारों ने अपनें अपने विचार व्यक्त लिए और सुझाव दिए I मीटिंग के दौरान चाय का दौर भी चलता रहा आए हुए सभी महानुभावों ने इस संस्था की उन्नति.तरक्की के लिए अपना अपना पूर्ण सहयोग देने का वादा किया
इस बर्ष जिन बिभूतियों को उनकी उपलब्धियों के लिए अवार्ड दिए गए वह हैं डा० प्रत्युष गुलेरी, डा० गौतम व्यथित,जनाव राशिद' आरफी'डा०ज़िय्या उर रहमान सिद्दीक़ी,के० आर० भारती,डा० देवेन्द्र गुप्ता,डा० एम० पी०सूद, अरविन्द गोयल (प्रधान संपादक हिमवंती समूह),डा०टी० डी० एस आलोक (मरणोपरांत),सावित्री तिवारी आज़मी ,गोपाल शर्मा,डा०कांता शर्मा, कामेश्वर प्रसाद डिमरी I
हर मायने में यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा I
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्यवसायिक ब्लोगर्स की अभिव्याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।
Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.