Home » YOU ARE HERE » दीवान-ए-दीपक

दीवान-ए-दीपक

दीवान-ए-दीपक
क्यूँ

आप तो अपने थे फिर क्यूँ दूर कर दिया दिल से
कर ली हमसे बेरुखी इतनी इस दुनियाँ से मिल के

ज़रूर


ज़माना दिल से भुला देगा हमको या दिल में बसा लेगा

वोह सिला अपनी मुहब्बत का कुछ तो ज़रूर देगा

दीपक कुल्लुवी
१३/९/१२.

ضرور

زمانہ دل سے بھلا دیگا ہمکو یا دل میں بسا لگا
وہ سلا اپنی محبّت کا کچھ تو ضرور دیگا

کیوں

آپ تو اپنے تھے فر کیوں دور کر دیا دل سے
کر لی ہمسے برخی اتنی اس دنیاں سے مل کے

دیپک کلّوی

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्‍यवसायिक ब्‍लोगर्स की अभिव्‍याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।

Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.

Popular Posts

Followers