चोरी और सीना जोरी
रिपोर्ट :दीपक कुल्लुवी'(दिल्ली व्यूरो चीफ)'न्यूज़ प्लस'
गोविन्दपुरी मैट्रो स्टेशन बने हुए अधिक समय भी नहीं हुआ है फिर भी यहाँ ऑटो वालों की चोरी और सीना जोरी वाली कहावत सार्थक होती नज़र आ रही है I
गोविंदपुरी मैट्रो स्टेशन बनते ही ऑटो वालों की तो मौज हो गई जो अच्छी बात है लेकिन साथ में ही उनका आतंक उनकी दादागिरी और मनमानी भी शुरू हो गयी I ऑटो वाले यात्रियों को परेशान भी करने लग गए हैं पुराने पीले रंग वाले और ग्रामीण सेवा वाले सफ़ेद रंग के ऑटो जो अभी हाल में ही चलने शुरू हुए हैं उनमें एक सवारी की जगह आगे और छह सवारियों की जगह पीछे होती है लेकिन ओटो वाले आलू प्याज की तरह ग्यारह,बारह सवारियां भरते हैं जिससे सवारियों को बैठने में बहुत दिक्कत होती है जब तक आठ लोग पीछे बैठ न जाएँ वह चलने को तेयार ही नहीं होते दूसरा यह ऑटो वाले सवारियों से मनमाना किराया बसूल करते हैं स्टेशन से तारा अपार्टमेंट दो किलोमीटर भी नहीं है बस का किराया भी पाँच रूपए है लेकिन यह ओटो वाले दस रूपये बसूल करते हैं I कोई देनें से इंकार करता है तो उससे बहस बाजी करते हैं उलझते हैं I
यदि सरकार या प्रशासन चाहे तो उनके एक छोटे से आदेश से इसका स्थाई समाधान संभव है वो केवल इतना करे कि ऑटो वालों से किराया सूची सामने शीशे पर लगवाए इससे किसी को कोई उलझन नहीं होगी स्वारी सूची के हिसाब से तय किराया ख़ुशी ख़ुशी देगी I ऑटो वाले इसी बात का फायदा उठा रहे हैं कि स्वारी को क्रॉस चैक करने के लिए कोई किराया सूची तो है नहीं तो जो उनके मुंह से निकला, देना ही पड़ेगा I सरकार जो किराया तय करे उसे अदा करने में किसे आपत्ति होगी लेकिन किराया एक निश्चित तो हो कोई पाँच मांगता है तो कोई दस यह तो कोई बात नहीं हुई I
सरकार,प्रशासन को चाहिए की गोविंदपुरी मैट्रो स्टेशन पर नजदीक के इलाकों जैसे संगम बिहार,तारा अपार्टमेंट,गोविन्दपुरी,ग्रेटर कैलाश-2 डी० डी० ए0 फ़्लैट को कबर करने के लिए फीडर बसें चलाए और वो भी कालका डिपू के बजाए मस्जिद के पीछे वाली सड़क से I क्योंकि एक तो यह सड़क लगभग ख़ाली रहती है काफी चौड़ी भी है और कालका डिपू से आचार्य नरेन्द्र देव कालेज वाला रास्ता काफी संकरा सा हो गया है क्योंकि लोग अपनी गाड़ियाँ सड़क के दोनों और खड़ी कर देते हैं और तो और ट्रक भी खड़े रहते है क्योंकि दुकानें हैं इसलिए यहाँ तो जाम अक्सर लगा ही रहता है I इस तरफ से भीड़ भड़क्का भी बहुत है और रास्ता भी काफी लम्बा पड़ता है मस्जिद के पीछे वाली सड़क से काफी नजदीक पड़ता है I
सरकार सचमुच अगर जनता कि भलाई चाहती है दिल से तो मेरे इस सुझाव को ज़रूर मानें अब कितने लोग हैं जो अपनी इन परेशानियों को लेकर ट्रैफिक पुलिस के पास जा पाते हैं I बेचारी सवारियां जैसे तैसे परेशानी में सफ़र करने को मजबूर हैं ऐसा लगता है उनकी सुनने वाला य उनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है I
मैं तो केवल गोविंदपुरी मैट्रो स्टेशन कि बात कर रहा हूँ लेकिन मुझे लगता है कि सारी दिल्ली में ऐसा ही हाल होगा I
बहुत शानदार है विजिट करें
जवाब देंहटाएंhttp://consumerfighter.com/
thanks rakesh ji
जवाब देंहटाएं