सिरमौर-शिमला जिलों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक करीब 800 साल पुराने शिरगुल महाराज देवता के शाया स्थित मंदिर में बुधवार को आग लग गई। मंदिर में अष्टधातु की बेशकीमती मूर्तियों समेत श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किया गया सोना-चांदी भी स्वाह हो गया है। मंदिर कमेटी से जुड़े सदस्यों के अनुसार इस घटना में करीब 8 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मंदिर के पुजारी पृथ्वीराज के परिवार को सुरक्षित बचा लिया गया। घटना के बाद राजगढ़ के एसडीएम व डीएसपी ने घटनास्थल का दौरा किया। जानकारी के अनुसार बुधवार रात करीब 12 बजे मंदिर से अचानक पत्थर गिरने शुरू हुए तो पुजारी के घर में लोग जग गए और उन्होंने देखा कि मंदिर में आग लगी हुई है। लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। देखते ही देखते देवदार की लकड़ी और पत्थरों से बना मंदिर राख पूरी तरह जल गया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदिर के गर्भ गृह में जल रहे दीपक से यह आग लगी हो सकती है। मंदिर के घणिता वेद प्रकाश के मुताबिक मंदिर में 7 प्राचीन मूर्तियां थी, जबकि कुछ का कहना है कि इन मूर्तियों की संख्या 50 से अधिक हो सकती है। इसके अलावा कुछ का कहना है कि इस घटना में कुल 300 छोटी-बड़ी मूर्तियां, करीब 10 तोला सोना, 30 किलो चांदी के छतर, देवता की चांदी की छड़ी, प्राचीन चांदी के सिक्के व करीब 25 हजार रुपए की नकदी आग की भेंट चढ़ी है। उधर राजगढ़ के एसडीएम पंकज शर्मा ने बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। डीएसपी राजगढ़ बीएस बरागटा ने बताया कि छानबीन के बाद ही आग लगने के सही कारणों का पता चल सकेगा। इस घटना पर मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार व राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष गंगूराम मुसाफि र ने गहरा दुख जताया है।
पवन तोमर। राजगढ़
पवन तोमर। राजगढ़
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्यवसायिक ब्लोगर्स की अभिव्याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।
Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.