(कुल्लुवी नाटी)
पौटू सा बाँका तेरा काला हो
सीपी रे मोती साईं चिट्टे चिट्टे दौंदड़ू
गौले ने बाँकी लाहुली माला हो
झुर्रिए झुर्रिए मेरी प्यारी झुर्रिए पौटू........
(1)रूप श्रृंगार तेरा सुपणे री परी साईं
दिलड़ू नी लागदा जैबे तेरी याद आयी
मन होई जा सा काहला हो
झुर्रिए झुर्रिए मेरी प्यारी झुर्रिए पौटू........
(2)जैबे तू हौस्सदी ऐंडी बाँकी लागदी
पैरा सी पाजेब तेरी छम्म छम्म करदी
लुटी जा सा दिल भोला भाला हो
झुर्रिए झुर्रिए मेरी प्यारी झुर्रिए पौटू........
(3) थिपू ,बुमणी लागदी शोभली
तेरी ख़ातिर जँग लागी छिड़दी
चलदी लागी तलवारा हो
झुर्रिए झुर्रिए मेरी प्यारी झुर्रिए पौटू........
दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
दीपक साहित्य सदन
शमशी कुल्लू हिमाचल प्रदेश
09776261006
Especially written for well known himachali singer Sh.Piyush Raj Ji
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