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मिज़ाजे मौसम अब बदलता जा रहा है--गज़ल

मिज़ाजे मौसम अब बदलता जा रहा है
हवाओं का रुख अब बिगड़ता जा रहा है

तबीयत तुम अब तो हमारी बस न पूछो
दिले नाज़ुक अब तो बिखरता जा रहा है

कहीं दिलकश मन्जर तलाशे है मगर ये
दिले नादाँ तो बस तडपता जा रहा है

खबर कोई आखिर हमारी रखे ऐसा ये
उम्मीदे ख्याल भी संभलता जा रहा है

पशेमां होकर ही हमें जीना पड़ेगा
सकूने दिल अब तो ठहरता जा रहा है !!

4 comments:

  1. सुषमा जी,
    गज़ल पढने और दाद के लिये शुक्रिया !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत खुबसूरत ग़ज़ल , मुबारक हो .....
    (कृपया वर्ड वैरिफिकेसन हटा दीजिये)

    जवाब देंहटाएं
  3. सुनील जी,
    गज़ल पढने और दाद के लिये दिली शुक्रिया !वर्ड वेरिफिकेशन मैंने नहीं रखा हो सकता है साईट संपादक जसवाल जी ने रखा हो,इस टिप्पणी के माध्यम से बात उन तक पहुंचेगी,ऐसा भरोसा है !

    जवाब देंहटाएं

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