मिज़ाजे मौसम अब बदलता जा रहा है
हवाओं का रुख अब बिगड़ता जा रहा है
तबीयत तुम अब तो हमारी बस न पूछो
दिले नाज़ुक अब तो बिखरता जा रहा है
कहीं दिलकश मन्जर तलाशे है मगर ये
दिले नादाँ तो बस तडपता जा रहा है
खबर कोई आखिर हमारी रखे ऐसा ये
उम्मीदे ख्याल भी संभलता जा रहा है
पशेमां होकर ही हमें जीना पड़ेगा
सकूने दिल अब तो ठहरता जा रहा है !!
हवाओं का रुख अब बिगड़ता जा रहा है
तबीयत तुम अब तो हमारी बस न पूछो
दिले नाज़ुक अब तो बिखरता जा रहा है
कहीं दिलकश मन्जर तलाशे है मगर ये
दिले नादाँ तो बस तडपता जा रहा है
खबर कोई आखिर हमारी रखे ऐसा ये
उम्मीदे ख्याल भी संभलता जा रहा है
पशेमां होकर ही हमें जीना पड़ेगा
सकूने दिल अब तो ठहरता जा रहा है !!
बेहतरीन ग़ज़ल....बहुत खूब.....
जवाब देंहटाएंसुषमा जी,
जवाब देंहटाएंगज़ल पढने और दाद के लिये शुक्रिया !
बहुत खुबसूरत ग़ज़ल , मुबारक हो .....
जवाब देंहटाएं(कृपया वर्ड वैरिफिकेसन हटा दीजिये)
सुनील जी,
जवाब देंहटाएंगज़ल पढने और दाद के लिये दिली शुक्रिया !वर्ड वेरिफिकेशन मैंने नहीं रखा हो सकता है साईट संपादक जसवाल जी ने रखा हो,इस टिप्पणी के माध्यम से बात उन तक पहुंचेगी,ऐसा भरोसा है !