सफरे हयात यों ही चलता ही चला जाता है
इसमें बिछड़ता है कभी कोई कभी जुड़ता जाता है
एक सा नहीं रहता कभी दिन रात का मिज़ाजे मौसम
इन्सा कभी गम तो कभी खुशी में जीता चलता जाता है
हम गर अकेले भी कभी पड़ गए हयाते राह पर चलते
तब भी समझते हम रहे यों सिलसिला चलता जाता है
हमने कभी भी तो गिला शिकवा नहीं किया किस्मत से
हम तो समझते हैं सफर ये जिन्दगी कटता जाता है
कतरा समन्दर का महज़ हम हैं भरम फ़िर क्योँ हमको हो
जब तक भी जियो खुश रह सको दिल ये दुआ करता जाता है !!
--अश्विनी रमेश
इसमें बिछड़ता है कभी कोई कभी जुड़ता जाता है
एक सा नहीं रहता कभी दिन रात का मिज़ाजे मौसम
इन्सा कभी गम तो कभी खुशी में जीता चलता जाता है
हम गर अकेले भी कभी पड़ गए हयाते राह पर चलते
तब भी समझते हम रहे यों सिलसिला चलता जाता है
हमने कभी भी तो गिला शिकवा नहीं किया किस्मत से
हम तो समझते हैं सफर ये जिन्दगी कटता जाता है
कतरा समन्दर का महज़ हम हैं भरम फ़िर क्योँ हमको हो
जब तक भी जियो खुश रह सको दिल ये दुआ करता जाता है !!
--अश्विनी रमेश
Thanks a lot Nisha jee for this prompt and encouraging comment.
जवाब देंहटाएं'LAFZ ATE HAIN HOTHON PE AGAR DIL ME TUFAN HO ,
जवाब देंहटाएंVARNA HAR LAMHA TO KHAMOSH HI KAHTA JATA HAI' .
ACHHI HAI PAR AUR NIKHAR CHAHIYE