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कश्मकश

कश्मकश

उनसे रिश्ता था मुहब्बत

का अब भी कायम है

उनको नफ़रत थी बस हमसे

अब भी कायम है

फिर भी कहते हैं वो दूनियाँ

से हम हैं उनके

जो कश्मकश थी दिलों में

अब भी कायम है

दीपक 'कुल्लुवी'
9350078399
२७/३/१२.

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