शिमला की वादियाँ |
कल जहाँ से गुजरा हूँ
सब कुछ विस्मृत सा है
पलकें झपकते हुए
चला जाता हूँ
आज फिर से वहीँ
ठंडी हवाओं के झोकों
संग कुछेक अविस्मृत
पलों के संग टहलते हुए
यादों के संग चला जाता हूँ
सब कुछ नया
सा दिखाई देता है
जहाँ हर बात नयी सी है
एक नयी सोच नयी
उमंगों के संग चला जाता हूँ
पथराये हुए सा विस्मृत
पलों के संग वादियों में
टहलते हुए चला जाता हूँ ।
कल जहाँ से गुजरा हूँ
जवाब देंहटाएंसब कुछ विस्मृत सा है
पलकें झपकते हुए
चला जाता हूँ..... भावों से नाजुक शब्द......