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(अपना पी० सी०) ***(फूल सिंह)***


(अपना पी० सी०)

चिंता की क्या बात
जब पी० सी० तेरे पास
पल भर में तुम दुनिया घूमो
क्यों बैठे हो उदास
जब पी सी तेरे पास
मोजिल्ला या गूगल खोलो
मनचाही तुम साईट खोलो
क्षण भर में हो पास
क्यों बैठे हो उदास
कन्फ्यूज़ जब खुद को पाओ
झट से तुम बटन दबाओ
चिंता से मुक्ति पाओ
बन जाओ तुम खास
क्यों बैठे हो उदास
खेल खेल में ज्ञान बढाओ
विश्व में नाम कराओ
क्षण भर में हो पास
क्यों बैठे हो उदास
जब पी० सी० तेरे पास

फूल सिंह

इस कविता के लेखक 'फूल सिंह' मेरे मित्र हैं और पहली बार इनकी रचना हिमधारा में भेज रहा हूँ I

दीपक 'कुल्लुवी '

Photo:-Writer Mr.Phool Singh with Deepak 'Kulluvi'

3 comments:

  1. शुक्रिया रौशन जी आप जैसे विद्वानों का आशीर्वाद रहा तो फूल सिंह एक अच्छा लेखक बन जाएगा और यहाँ से मैं उसका उचित मार्गदर्शन करता रहता हूँ

    दीपक 'कुल्लुवी'
    27/06/2012

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