मेरा विचार है कि देश में लोगों के नस नस में जो भ्रष्टाचार रम गया था ,ज़्यादातरनेता ,नौकरशाह,अर्थशास्त्री व उद्योगपतियों के लिये ये एक मनोरंजन से बन गया था,आम आदमी के टैक्स की कमाई कुछ लोगों की जेब में जा रही थी औऱ लोग त्राहि त्राहि कर रहे थे।गरीबी बढ़ गयी थी, पुलिस और न्यायालय का प्रयोग आम जनता को कुचलने के लिये किया जा रहा था।देशवासी स्तब्ध व किंकर्तव्यविमूढ़ बन कर रह गये थे चीन और पाकिस्तान का तो छोड़िए बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका जैसे देश भी भारत की तरफ नज़रें तिरछी करने लग गये थे।देश की सेनाएं कमज़ोर बन गयी थी क्योंकि अस्त्र शस्त्र की कमी थी ,सेना के शास्त्रग्रहों में लगी आग भी संदेह के घेरे में है ,चाहे इनको दुर्घटना का रूप दिया गया।ऐसे में देश के पटल पर मोदी जैसे राष्ट्रभक्त नेता के पर्दापण ने देशवासियों को आत्मसम्मान से जीने की प्रेरणा दी ,आज फिलहाल किसी को तिरछी नज़रें करने की हिम्मत नही।राष्ट्र को धोखा देना व देशवासियों के खून पसीने की कमाई से भ्रष्टाचार करना भी राजद्रोह है।ऐसे समय अरुण जेटली ने मोदी जी के सहयोग से कई ऐसे फैसले लिये जिसको किताबी दिमाग रखने वाले अर्थशास्त्री शायद नही पहचान पाये।क्योंकि उनके लिए नोटबन्दी व जी एस टी जैसे फैसले गलत थे, जो सही भी था।पर देश का राजनीतिक परिदृश्य पर हर व्यक्ति चाहता था कि भ्र्ष्टाचार रोकने के लिये कुछ ठोस किया जाये ।इसलिये कड़े फैसले लिये गये जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।भ्र्ष्टाचार पर काफी रोक लग चुकी है, आतंकवाद को काबू करने के प्रयास सफल दिख रहे है,नौकरशाही व उद्योगपति सही दिशा में राष्ट्र के लिये काम कर रहे है।अम्बानी टाटा, अडानी रामदेव जैसे लोग ऐसा कारोबार कर रहे जिससे देश का धन बाहर जाना बंद हो गया है।नीरव मोदी विजय माल्या जैसे लोगों के हश्र को देखते हुए डिफाल्टर बैंकों का कर्ज चुका रहे है और सरकार विदेशों में बैठे देश के डिफॉल्टर को चैन नहीं लेने दे रही है।जाली करेंसी बन्द हो गयी है,देशभक्ति की भावना में वृद्धि हुई है।जो शुभ संकेत है कई अर्थशास्री इसको अभी गलत ठहराने में लगे है, जी एस टी का पूरे विश्व ने समर्थन दिया है, सोचने की बात ये की सब जानते थे कि ये मुद्दे अपना नुकसान कर सकते है फिर भी निर्णय लिये गये।बैंकिंग प्रणाली को दरुस्त करने कार्य शुरू किये गये विदेशी निवेश को उदार किया गया है।देश कैशलेस व्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है ,सभी लोग इस व्यवस्था को अपना रहे है माना गरीबों के पास धन की कमी पर इसके देश में विकास के कार्यों को नहीं रोका जा सकता।दूरगामी व देश हित में कई कार्य करने के लिये दिवंगत अरुण जेटली जी को नमन एवम वंदन,प्रभु दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे व अपने श्रीचरणों में स्थान दे।
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अरुण जेटली जी को श्रद्धांजलि
Posted by PRADEEP SHARMA
Posted on शनिवार, अगस्त 24, 2019
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