शिक्षक दिवस पर हार्दिक बधाई।
शिक्षक होना अपने आप में गर्व की बात है क्योंकि शिक्षक गुरु होता है सभी को अंधकार से प्रकाश की तरफ लाता है।हर कार्य को करने के लिये गुरु की आवश्यकता होती है।प्रारम्भिक शिक्षा से शुरू करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने तक तो आवश्यकता रहती ही है अपितु हर तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के लिये गुरु का योगदान होता है।कोई वैज्ञानिक बने डॉक्टर बने इंजीनियर बने नेता बने मेकैनिक बने ड्राइवर बने व्यापारी बने मिस्त्री बने खिलाड़ी बने चाहे कुछ भी कार्य करे सभी के लिये गुरु ही मंज़िल तक पहुंचाता है।कबीर ने गुरु को भगवान
से भी आगे रखा है।
जो गुरु अपने कार्य को ईमानदारी व निष्कपट व निस्वार्थ भावना से करता है वही महान बनता है, महान बनने के लिये किसी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नही होता व्यक्ति अपनी नज़रों में ऊंचे आदर्शों का स्वामी होना चाहिये।शिक्षक वही महान बनता है जो विद्यार्थी की हर। ग़लती को क्षमा करने की भावना रखता है और उसकी हर कमज़ोरी को दूर कर शिखर की तरफ ले जाता है वही सच्चा शिक्षक है।डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षको की गरिमा को बढ़ाकर समस्त शिक्षकों को गौरवान्वित किया है आदिकाल से गुरु अपने समर्पण और त्याग के लिये जाने जाते थे बड़े बड़े डाकू लुटेरे भी जिन की शरण में आकर सन्त बन गये।चाणक्य जैसे गुरु ने चंद्रगुप्त की सहायता से वृहत भारत का निर्माण कर इसे एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।द्रोणाचार्य ने विश्व को अर्जुन जैसा श्रेष्ठ धनुर्धर दिया।गुरु समय की रफ्तार को नियंत्रित करने का कार्य कर सकता है।पर कुछ समय से जब से देश भ्र्ष्टाचार व स्वार्थ बढ़ा है नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है और गुरु महिमा को भी ठेस पहुंची है।कुछ गुरु का केवल मकसद होता है ईनाम प्राप्त करना वाह वाही लूटना जो गुरु महिमा के बिल्कुल विरूद्ध है गुरु निस्वार्थ व निष्कपट होना चाहिये कभी भी किसी को नीचा दिखाने का प्रयास न करे यही गुरु का धर्म है।परंतु इस पावन धरती पर कोई भी गुरु की गरिमा कम नहीं कर सकता, शिक्षको में से कुछ इसको कम करने में लगे हुए है पर उनके हथकंडे बहुत दिनों तक न चल पायेंगे देश भ्र्ष्टाचार भाई भतीजावाद के चंगुल से बाहर निकलेगा और इस कार्य में गुरु अहम भूमिका निभाएंगे।देश विश्व गुरु बनेगा और इसके गौरवशाली इतिहास की पुनर्स्थापना होगी।
शिक्षक होना अपने आप में गर्व की बात है क्योंकि शिक्षक गुरु होता है सभी को अंधकार से प्रकाश की तरफ लाता है।हर कार्य को करने के लिये गुरु की आवश्यकता होती है।प्रारम्भिक शिक्षा से शुरू करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने तक तो आवश्यकता रहती ही है अपितु हर तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के लिये गुरु का योगदान होता है।कोई वैज्ञानिक बने डॉक्टर बने इंजीनियर बने नेता बने मेकैनिक बने ड्राइवर बने व्यापारी बने मिस्त्री बने खिलाड़ी बने चाहे कुछ भी कार्य करे सभी के लिये गुरु ही मंज़िल तक पहुंचाता है।कबीर ने गुरु को भगवान
से भी आगे रखा है।
जो गुरु अपने कार्य को ईमानदारी व निष्कपट व निस्वार्थ भावना से करता है वही महान बनता है, महान बनने के लिये किसी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नही होता व्यक्ति अपनी नज़रों में ऊंचे आदर्शों का स्वामी होना चाहिये।शिक्षक वही महान बनता है जो विद्यार्थी की हर। ग़लती को क्षमा करने की भावना रखता है और उसकी हर कमज़ोरी को दूर कर शिखर की तरफ ले जाता है वही सच्चा शिक्षक है।डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षको की गरिमा को बढ़ाकर समस्त शिक्षकों को गौरवान्वित किया है आदिकाल से गुरु अपने समर्पण और त्याग के लिये जाने जाते थे बड़े बड़े डाकू लुटेरे भी जिन की शरण में आकर सन्त बन गये।चाणक्य जैसे गुरु ने चंद्रगुप्त की सहायता से वृहत भारत का निर्माण कर इसे एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।द्रोणाचार्य ने विश्व को अर्जुन जैसा श्रेष्ठ धनुर्धर दिया।गुरु समय की रफ्तार को नियंत्रित करने का कार्य कर सकता है।पर कुछ समय से जब से देश भ्र्ष्टाचार व स्वार्थ बढ़ा है नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है और गुरु महिमा को भी ठेस पहुंची है।कुछ गुरु का केवल मकसद होता है ईनाम प्राप्त करना वाह वाही लूटना जो गुरु महिमा के बिल्कुल विरूद्ध है गुरु निस्वार्थ व निष्कपट होना चाहिये कभी भी किसी को नीचा दिखाने का प्रयास न करे यही गुरु का धर्म है।परंतु इस पावन धरती पर कोई भी गुरु की गरिमा कम नहीं कर सकता, शिक्षको में से कुछ इसको कम करने में लगे हुए है पर उनके हथकंडे बहुत दिनों तक न चल पायेंगे देश भ्र्ष्टाचार भाई भतीजावाद के चंगुल से बाहर निकलेगा और इस कार्य में गुरु अहम भूमिका निभाएंगे।देश विश्व गुरु बनेगा और इसके गौरवशाली इतिहास की पुनर्स्थापना होगी।
प्रभावशाली एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति
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