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फर्क





हम उतर आए हैं नरक से,स्वर्ग से


निचे धरती पर लेकर जन्म फ़िर से


जीने के लिए आए हैं हम


हंसने के लिए , रोने के लिए


जहर गम का पिने के लिए


खुशी के आंसू खोने के लिए


सोने के लिए


आख़िर फिर से लौट जायगे हम ,


उस अनजाने घर जहाँ है स्वर्ग -नरक बताओ तो मेरे यारो


जीवन मरण मैं है कितना सा


ये अलबेला फर्क .............................................!!!!!!!!!!



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