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ये रचना आप सभी ब्‍लागर्स को समर्पित है- टिप्‍पणी के रूप में अपने आशीर्वाद जरूर दीजियेगा



             ब्‍लाग जगत के सभी ज्‍येष्‍ठ ब्‍लागर्स को मेरी तरफ से अभिनन्‍दन के रूप में मै अपनी ये रचना यहां प्रस्‍तुत कर रहा हूं।
मैं आप सभी का आभारी हूं जिन्‍होंने मुझे समय समय पर अपनी टिप्‍पणियों के द्वारा मार्ग दर्शन दिया
ब्‍लाग जगत पर मेरे सफर की शुरूआत सन् 2009 में हुई पर सक्रिय न होने के कारण कोई खास पहचान न बन पाई
पहली बार जब भाई श्री मानिक जी ने मुझे स्‍वागत की टिप्‍पणी लिखी तो मैं भाव विभोर हो गया
तब से लेकर आज तक प्रयास यही रहा है कि आप सब को अपनी रचनाओं तथा अन्‍य कवियों की श्रेष्‍ठ रचनाओं द्वारा आनन्दित करता रहूं
अब ये आप तय करेंगे कि मै इसमें कहां तक सफल हो पाया हूं
ये रचना मै भाई श्री मानिक जी, जयराम विप्‍लव जी, बहन संगीता जी, श्री अजय कुमार जी, संजय जी, दीप श्रीवास्‍तव जी,आदरणीय सुमन जी , रौ शन जायसवाल जी  ब्‍लागवाणी के समस्‍त कार्यकर्ताओं, जनोक्ति
के सभी कार्यकर्ताओं,चिट्ठा जगत, भडास वाणी तथा उन सभी लोगों को समर्पित है जिनका सहयोग निरन्‍तर मुझे प्राप्‍त होता रहा। जो हैं तो मुझसे कहीं 
अच्‍छे लिखने वाले फिर भी मेरे ब्‍लाग को पढकर तथा मेरे ब्‍लाग का अनुसरण कर के मेरा मान बढाते रहे।
आप सभी को मेरा शत शत अभिनन्‍दन व धन्‍यवाद है तथा मेरा निवेदन है कि कृपया हर बार की तरह ही टिप्‍पणियों के रूप में अपना प्‍यार
व सहयोग अवश्‍य दें। 
         आपका - आनन्‍द पाण्‍डेय


चढ गई अपनी भी कीमत, बढ गया स्‍तर
दोस्‍तों ''आनन्‍द'' भी अब बन गया ब्‍लागर

खो गया था भीड में दुनिया की, ना था ज्ञान
ढूढता फिरता था अपने आप की पहचान
डगमगाती नाव थी टूटी हुई पतवार
डूब जाता मैं, न कर पाता ये सागर पार
हाथ थामा ब्‍लाग ने, खींचा किनारे पर
इस तरह ''आनन्‍द'' भी अब बन गया ब्‍लागर

कैसे हो शुरूआत अपनी बात लेखन की
ब्‍लाग पढ- पढ सीखा हमने ये तरीका भी
लग गये पढने मुझे भी लोग शिद्दत से
बस यही थी चाह अपनी यार मुद्दत से
कुछ बडे चिट् ठे भी मेरे बन गये रहबर
इस तरह ''आनन्‍द'' भी अब बन गया ब्‍लागर ।।

दे रहा शुभकामना चिट्ठा जगत सारा
बन गया ''आनन्‍द'' भी अब आपका प्‍यारा
कर रहे सहयोग सब बनकर के इक परिवार
इस तरह से पा रहा मैं आप सब का प्‍यार
मिल गया फिर आज मुझको दोस्‍तों इक घर
इस तरह ''आनन्‍द'' भी अब बन गया ब्‍लागर


ब्लाग जगत की जय



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ANAND

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