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इस नये दौर में
बस समझना बाकि
रह गया है
एहसास नये दौर का
कि किस तरह कदम
आगे बढे
एहसास इस बात
का कि अकेलेपन की
जगह अपनापन
कहीं न कहीं मौजूद हो
एक नया दौर है |
बस समझना बाकि
रह गया है
एहसास नये दौर का
कि किस तरह कदम
आगे बढे
एहसास इस बात
का कि अकेलेपन की
जगह अपनापन
कहीं न कहीं मौजूद हो
एक नया दौर है |
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