ब्लॉग पर सृजन-कर्म और विमर्श को
नया आकाश मिला वर्ष-2011 में.....
"अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का माध्यम है ब्लॉग,वास्तविक, त्वरित, और कम खर्चीली स्वतंत्रता जैसी एक ब्लॉग दे सकता है, वह किसी अन्य माध्यम में उपलब्ध नहीं है। मैं हिन्दी ब्लॉगिंग के भविष्य को लेकर आशान्वित हूँ और उत्साहित भी। हिन्दी ब्लॉगिंग का भविष्य उज्जवल है और इसमें अनेक संभावनाएं है।"
समीर लाल "समीर", वरिष्ठ ब्लॉगर
गतांक से आगे......हिन्दीभाषी किसी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने, भड़ास निकालने, दैनिक डायरी लिखने, खेती-किसानी की बात करने से लेकर तमाम तरह के विषयों पर लिख रहे हैं। अपनी इसी खूबी के कारण इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का माध्यम कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर आप कुछ भी और कितना भी लिखिए, कोई रोकने वाला नहीं है। विगत भाग में मैंने साहित्यिक गतिविधियों पर खुलकर बातें की, किन्तु कुछ और कहना शेष रह गया था, चलिए आगे बढ़ते हैं ........
साहित्य की बात चल रही है तो आईए सबसे पहले आज हम चलते हैं एक ऐसे ब्लॉग पर जो समग्र साहित्य का त्रैमासिक संकलन है, नाम है अविराम ।अविराम का प्रकाशन सामान्यतः आवरण सहित 52 पृष्ठों में प्रकाशित होता है। यह ब्लॉग जुलाई-2011 से अस्तित्व में आया है । हिंदी में हाईकू लेखन से संवंधित गतिविधियों पर भी ब्लॉग उपलब्ध है, जिसका नाम है हाईकू दर्पण ।
आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह प्रेमचन्द की रचना-दृष्टि, विभिन्न साहित्य रूपों में, अभिव्यक्त हुई। वह बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे। उन्होंने उपन्यास, कहानी, नाटक, समीक्षा, लेख, सम्पादकीय, संस्मरण आदि अनेक विधाओं में साहित्य की सृष्टि की किन्तु प्रमुख रूप से वह कथाकार हैं। 27 फरवरी 2011 को अवनीश सिंह के द्वारा संचालित प्रेमचंद के पाठकों को समर्पित एक ब्लॉगआया । इनके और भी कई ब्लॉग है जैसे विमर्श, अनकही बातें आदि ।
साहित्य की बात हो और मुहल्ला लाईव की चर्चा न हो तो सबकुछ अधूरा-अधूरा सा लगता है । वर्ष-2011 में इस ब्लॉग पर साहित्यिक गतिविधियों से संवंधित अनेकानेक रिपोर्ताज और अन्य सामग्रियां प्रकाशित हुई । अविनाश दास ने इस ब्लॉग की शुरुआत वर्ष-2006 में ब्लॉग स्पॉट पर की थी, जिसे बाद में उन्होंने इसे सामूहिक ब्लॉग में परिवर्तित कर दिया ।
जहां तक व्यक्तिगत ब्लॉग पर साहित्य संचयन का प्रश्न है मनोज भारती के दो ब्लॉग प्रशंसनीय है,पहलागूँज अनुगूंज जो अध्यातिम विषयों पर केन्द्रित है और दूसरा बूँद बूँद इतिहास । इसमें पायेंगे आप हिंदी साहित्य के इतिहास की रूपरेखा और एक ही स्थान पर हिंदी की रचनाओं, लेखकों और उसकी विभिन्न धाराओं की प्रवृतियों सारगर्भित निचोड़ । नवीन सी. चतुर्वेदी का ब्लॉग ठाले बैठे हिंदी का एक ऐसा अनोखा ब्लॉग है,जहां छंद को जीवंत बनाए रखा गया है । इस ब्लॉग पर अनुष्टुप छंद,अमृत ध्वनि छंद,उल्लाला छंद,ककुभ छंद,कर्ण छंद,कुण्डलिया छंद,गीतिका छंद,घनाक्षरी छंद,चवपैया छंद,चौपाई छंद,छप्पय छंद,ताटंक छंद,दुर्मिल सवैया,दोहा छंद,नव-कुण्डलिया छंद,पञ्चचामर छन्द,बरवै छंद,भुजंग प्रयात छंद,मत्तगयन्द सवैया,मानव छंद,मालिनी सवैया,रुचिरा छंद,रोला छंद,विधाता छंद,शोकहर छंद,सरसी छंद,सांगोपांग सिंहावलोकन छंद,सार / ललित छंद,सुन्दरी सवैया,सोरठा छंद,हरिगीतिका छंद आदि छन्द अनुसार पढ़ सकते हैं । हिंदी में प्रकाशित साहित्यिक पत्रिकाओं की संक्षिप्त समीक्षा उससे संबंधित जानकारियों का विस्तृत आकाश है एक ब्लॉग पर नाम है कथा चक्र। इस ब्लॉग के संचालक हैं अखिलेश शुक्ल।
एक ऐसा ब्लॉगर जिसने ब्लॉग पर वर्ष-2009 - 2010 में सर्वाधिक पोस्ट लिखने की उपलब्धि हासिल की,किन्तु वर्ष-2011 में ये पिछड़ गए और यह श्रेय गया डा. राजेन्द्र तेला निरंतर के हिस्से। डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" ने इस वर्ष अपने व्यक्तिगत ब्लॉग निरंतर की कलम से पर एक वर्ष में सर्वाधिक पोस्ट (1669 )लिखने का कीर्तिमान बनाया है ।
विशुद्ध साहित्यिक रचनाओं के सरोवर में गहरे उतरने को विवश करता एक ब्लॉग है कर्मनाशा । पूरे वर्ष सिद्धेश्वर ने कुछ अच्छी कविताओं के हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किए जिसमें प्रमुख है पोलिश कविता की समृद्ध और गौरवमयी परम्परा की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में विद्यमान हालीना पोस्वियातोव्सका , पीटर ओड्स , कैरोलिन कीज़र , वेरा पावलोवा, निज़ार क़ब्बानी,बेतुके वक्त, ममांग दाई,ग्राज़्यना क्रोस्तोवस्का, टॉमस ट्रांसट्रोमर,रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि की कविताओं के अनुवाद । इसके अलावा इस वर्ष सिद्धेश्वर की लिखी कुछ वेहतरीन कवितायें पढ़ने को मिली है ।
........विश्लेषण अभी जारी है
जहां तक व्यक्तिगत ब्लॉग पर साहित्य संचयन का प्रश्न है मनोज भारती के दो ब्लॉग प्रशंसनीय है,पहलागूँज अनुगूंज जो अध्यातिम विषयों पर केन्द्रित है और दूसरा बूँद बूँद इतिहास । इसमें पायेंगे आप हिंदी साहित्य के इतिहास की रूपरेखा और एक ही स्थान पर हिंदी की रचनाओं, लेखकों और उसकी विभिन्न धाराओं की प्रवृतियों सारगर्भित निचोड़ । नवीन सी. चतुर्वेदी का ब्लॉग ठाले बैठे हिंदी का एक ऐसा अनोखा ब्लॉग है,जहां छंद को जीवंत बनाए रखा गया है । इस ब्लॉग पर अनुष्टुप छंद,अमृत ध्वनि छंद,उल्लाला छंद,ककुभ छंद,कर्ण छंद,कुण्डलिया छंद,गीतिका छंद,घनाक्षरी छंद,चवपैया छंद,चौपाई छंद,छप्पय छंद,ताटंक छंद,दुर्मिल सवैया,दोहा छंद,नव-कुण्डलिया छंद,पञ्चचामर छन्द,बरवै छंद,भुजंग प्रयात छंद,मत्तगयन्द सवैया,मानव छंद,मालिनी सवैया,रुचिरा छंद,रोला छंद,विधाता छंद,शोकहर छंद,सरसी छंद,सांगोपांग सिंहावलोकन छंद,सार / ललित छंद,सुन्दरी सवैया,सोरठा छंद,हरिगीतिका छंद आदि छन्द अनुसार पढ़ सकते हैं । हिंदी में प्रकाशित साहित्यिक पत्रिकाओं की संक्षिप्त समीक्षा उससे संबंधित जानकारियों का विस्तृत आकाश है एक ब्लॉग पर नाम है कथा चक्र। इस ब्लॉग के संचालक हैं अखिलेश शुक्ल।
एक ऐसा ब्लॉगर जिसने ब्लॉग पर वर्ष-2009 - 2010 में सर्वाधिक पोस्ट लिखने की उपलब्धि हासिल की,किन्तु वर्ष-2011 में ये पिछड़ गए और यह श्रेय गया डा. राजेन्द्र तेला निरंतर के हिस्से। डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" ने इस वर्ष अपने व्यक्तिगत ब्लॉग निरंतर की कलम से पर एक वर्ष में सर्वाधिक पोस्ट (1669 )लिखने का कीर्तिमान बनाया है ।
उल्लेखनीय है कि हिंदी ब्लॉगिंग को साहित्य के सन्निकट लाने वालों में एक महत्वपूर्ण नाम है डा. रूप चंद शास्त्री मयंक का, जिन्होनें 21 जनवरी, 2009 को हिन्दी ब्लॉगिंग की दुनिया में अपना कदम बढ़ाया था। उस समय उन्होंने अपना ब्लॉग “उच्चारण” के नाम से बनाया था, जिस पर अबतक 2000 से ज्यादा रचनाएँ पोस्ट की जा चुकी है और इस ब्लॉग के लगभग 400 से ज्यादा समर्थक हैं। उसी वर्ष 19 फरवरी को इन्होनें “अमर भारती” के नाम से एक और ब्लॉग बनाया,जिस पर 200 से ज्यादा पोस्ट अस्तित्व में है ।इसके बाद इन्होनें 30 अप्रैल, 2009 में “शब्दों के दंगल” के नाम से गद्य का एक ब्लॉग बनाया। जिस पर अब तक 190 पोस्ट लग चुकी हैं और समर्थकों की संख्या 150 से ज्यादा हो गई है।इसके बाद इन्होनें “मयंक की डायरी” के नाम से एक और ब्लॉग बनाया। 4 नवम्बर, 2009 को एक ब्लॉग इन्होनें ब्लॉगर मित्रों के नाम पते सहेजने के लिए डायरेक्ट्री के नाम से बनाया। लेकिन उस पर 100 से अधिक नाम-पते नहीं मिल सके और इसका नाम बाल चर्चा मंच रख दिया। लेकिन बाल साहित्य के बहुत ही थोड़े सले ब्लॉग थे और उनमें से अधिकांश पर नियमित पोस्टें लहीं लगती थीं। इस लिए इन्होनें अब इसका नाम “धरा के रंग” रख दिया है।इसके बाद इन्होनें चर्चाकार के रूप में ब्लॉगिंग की दुनिया में पदार्पण किया और चर्चा मंच पर "दिल है कि मानता नही" के नाम से पहली चर्चा 18 दिसम्बर, 2009 को लगाई। चर्चा मंच के आज की तारीख में 750 समर्थक है और चर्चाओं का आँकड़ा 760 को पार कर गया है। 9 मई, 2010 को इन्होनें बालसाहित्य का एक ब्लॉग बनाया और इसको नाम दिया “नन्हे सुमन”। जिस पर 150 से ज्यादा पोस्ट और समर्थकों की संख्या 85 से ज्यादा है।
विशुद्ध साहित्यिक रचनाओं के सरोवर में गहरे उतरने को विवश करता एक ब्लॉग है कर्मनाशा । पूरे वर्ष सिद्धेश्वर ने कुछ अच्छी कविताओं के हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किए जिसमें प्रमुख है पोलिश कविता की समृद्ध और गौरवमयी परम्परा की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में विद्यमान हालीना पोस्वियातोव्सका , पीटर ओड्स , कैरोलिन कीज़र , वेरा पावलोवा, निज़ार क़ब्बानी,बेतुके वक्त, ममांग दाई,ग्राज़्यना क्रोस्तोवस्का, टॉमस ट्रांसट्रोमर,रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि की कविताओं के अनुवाद । इसके अलावा इस वर्ष सिद्धेश्वर की लिखी कुछ वेहतरीन कवितायें पढ़ने को मिली है ।
इसके अलावा सतीश सक्सेना (मेरे गीत),राज भाटिया (पराया देश, छोटी छोटी बातें), इंदु पुरी (उद्धवजी),अंजु चौधरी (अपनों का साथ), वंदना गुप्ता (जख्म…जो फूलों ने दिये, एक प्रयास), महफूज अली(लेखनी…, Glimpse of Soul), यौगेन्द्र मौदगिल (हरियाणा एक्सप्रैस), अलबेला खत्री (हास्य व्यंग्य, भजन वन्दन, मुक्तक दोहे), संजय अनेजा (मो सम कौन कुटिल खल…?), राजीव तनेजा (हँसते रहो, जरा हट के-लाफ्टर के फटके), जाट देवता (संदीप पवाँर) (जाट देवता का सफर), संजय भास्कर(आदत…मुस्कुराने की), कौशल मिश्रा (जय बाबा बनारस), दीपक डुडेजा (दीपक बाबा की बक बक, मेरी नजर से…), आशुतोष तिवारी (आशुतोष की कलम से), मुकेश कुमार सिन्हा (मेरी कविताओं का संग्रह, जिन्दगी की राहें), पद्मसिंह (पद्मावली), सुशील गुप्ता (मेरे विचार मेरे ख्याल), राकेश कुमार (मनसा वाचा कर्मणा), सर्जना शर्मा (रसबतिया), शाहनवाज़ (प्रेम रस), अजय कुमार झा (झा जी कहिन),कनिष्क कश्यप (ब्लॉग प्रहरी), केवल राम (चलते-चलते, धर्म और दर्शन), ताऊ रामपुरिया (ताऊ डोट इन) औरराहुल सिंह ( सिंहावलोकन ) ने भी इस वर्ष कतिपय साहित्यिक रचनाओं से पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है ।
इसके अलावा सुबीर संवाद सेवा ,कवि कुमार अम्बुज, अपर्णा मनोज, मृत्युबोध, नई बात ,मेरी लेखनी मेरे विचार , अजित गुप्ता का कोना, मन का पाखी, कलम,अंदाज़े मेरा , मो सम कौन कुटिल खल,काव्यांजलि, फुहार आदि पर भी उत्कृष्ट साहित्यिक सामग्री प्रस्तुत की गई है इस वर्ष।
चलते-चलते एक और महत्वपूर्ण ब्लॉग का जिक्र करना चाहूंगा। ब्लॉग पर ब्लॉगरों का परिचय देने के उद्देश्य से राजीव कुलश्रेष्ठ ने वर्ष-2010 में " ब्लॉग वर्ल्ड.कॉम " ब्लॉग की शुरुआत की,किन्तु इस वर्ष यह ब्लॉग कुछ ज्यादा मुखर रहा । इसपर वे लगभग 100 से अधिक ब्लॉगर्स का परिचय पोस्ट के रूप में प्रकशित कर चुके हैं। .उनके द्वारा करवाए जाने वाले परिचय की ख़ास बात यह है कि वह ब्लॉगर द्वारा ब्लॉग पर की गयी पोस्ट पर आधारित होता है और वहां संवंधित ब्लॉगर के सभी ब्लॉगों का जिक्र भी होता है । साथ ही संकलित लेकिन बहुत ही अर्थपूर्ण और सार्थक टिप्पणी भी ब्लॉगर्स के लेखन और व्यक्तित्व पर भी की जाती है ।इस ब्लॉग पर उनके अपने परिचय के बाद पहला परिचय के रूप में दर्शन कौर धानोए का परिचयात्मक पोस्ट होता है।इस ब्लॉग पर अनेकानेक ब्लॉग के लिंक भी दिए गए हैं । कुलमिलाकर राजीव कुलश्रेष्ठ का यह प्रयास सराहनीय है ।इसके अलावा सुबीर संवाद सेवा ,कवि कुमार अम्बुज, अपर्णा मनोज, मृत्युबोध, नई बात ,मेरी लेखनी मेरे विचार , अजित गुप्ता का कोना, मन का पाखी, कलम,अंदाज़े मेरा , मो सम कौन कुटिल खल,काव्यांजलि, फुहार आदि पर भी उत्कृष्ट साहित्यिक सामग्री प्रस्तुत की गई है इस वर्ष।
........विश्लेषण अभी जारी है
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