अपनी गलती को महसूस करना
अपनी गलती को महसूस करना "यदि आप भला चाहते हैं , तो भूल को महसूस करना , उसकी तरफ़ ध्यान दे कर उसे निकलना आपकी शान्ति और सुख चैन के लिए जरूरी हो जाता है ! अगर आप अपनी गलती महसूस नही करते तो फ़िर गलती पैर गलती होती रहती है ! गलती की कई परते जमा हो जाती है ! अगर आप महसूस कर लेते हो , तो गलती पलती नही, बल्कि पिघलती है ! महसूसता एक ऐसी ब्रेक है , जो गलती को आगे नही बढ़ने नही देती , इसलिये गलती को ठीक करने के लिए पहेला कदम है, गलती को महसूस कंरना
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अपनी गलती को महसूस करना
Posted by संजीव कौशल
Posted on मंगलवार, अगस्त 18, 2009
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1 comments:
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आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
जवाब देंहटाएंरचना गौड़ ‘भारती