भारतीय सेना में काफी जांच और परख के पश्चात किसी भी नवजवान को अधिकारी रैंक में चुना जाता है और उसके पश्चात उनको कठिन प्रशिक्षण देने के बाद सेना में अधिकारी रैंक पर नियुक्त किया जाता है लेकिन इस कई दशकों से सेना के ही कार्यवाई से यह पता चलता है की उनके काफी अफसर घोटाले बाज व धोखा धडी में लिप्त रहने वाले व्यक्ति हैं कहीं न कहीं अधिकारियों के चयन में व प्रशिक्षण में कमी रह जाती है जिसके कारण भारतीय सेना विवादों के घेरे में आ जाती है। भारतीय सेना के एक कर्नल एच.एस. कोहली को नवम्बर 2004 में सेना से बर्खास्त कर दिया गया था। वह ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले नौटंकी में मुठभेड़ के सीन को दर्शा कर वीरता पदक प्राप्त करना चाहते थे। कर्नल कोहली ने असोम के सिलचर के पास बड़ा नागादुन में कुछ ग्रामीणों को टमाटर के रस से नहला कर मुठभेड़ दिखा कर वीरता पदक प्राप्त करने की कोशिश की। मामला खुल जाने पर उनको बर्खास्त कर दिया गया था और अब उनकी पुनिरीक्षण याचिका भी ख़ारिज कर दी गयी है
कर्नल एच.एस कोहली को सैन्य जगत से संबध रखने वाले लोग केचप कर्नल के नाम सेना के सूत्रों के। सेना के सूत्रों के अनुसार भारी संख्या में सैन्य अधिकारी विभिन्न अपराधिक मामलों में लिप्त हैं आज जरूरत इस बात की है कि सेना के अधिकारियों के चयन व प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए । आदिम युग के मूल्यों की सेना सभ्य समाज में कोई आदर्श प्रस्तुत नहीं कर सकती है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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लो क सं घ र्ष !: सेना अधिकारियो का चयन होता है या धोखेबाजों का
Posted by Randhir Singh Suman
Posted on शुक्रवार, जुलाई 09, 2010
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