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कमीं रह गयी
Posted by दीपक कुल्लुवी की कलम से
Posted on शुक्रवार, सितंबर 17, 2010
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कमीं रह गयी
ज़िन्दगी में तुम्हारी कमीं रह गयी
अपनीं यादें जहाँ थी,वहीँ रह गयी
दुनियां वाले लगाते रहे तोहमतें
अपनें हिस्से में ग़म,बेबसी रह गयी
ऐसा मुमकिन नहीं भूल पाओ हमें
हम जो रुखसत हुए आँखें नाम रह गयी
'दीपक कुल्लुवी' ना जानें कहाँ चल दिया
महफ़िल सजी की सजी रह गयी
कहते हैं जिंदा है, पर लगता नहीं
सांसें तो उसकी यहीं रह गयी
दीपक शर्मा कुल्लुवी
09136211486
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