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जप लै हरी का नाम

जप लै हरी का नाम

जप लै हरी का नाम बंदया जप लै हरी का नाम
साँस तिहारी रुक ना जाए ढल ना जाए शाम
जप लै हरी का नाम --------------------
(१) अर्पित कर दे तन माँ अपना
भवसागर जो पार है करना
जीवन का तू सार समझ ले-२
व्यर्थ ना करियो मान
जप लै हरी का नाम-------
(२) राख से ज्यादा मोल ना तेरा
पल दो पल का तेरा बसेरा
छोड़ दे पाप और पाप कमाई-२
बन जा तू इंसान
जप लै हरी का नाम ---------
(३) दूर है मंजिल दूर किनारा
इस दुनियां का बन तू सहारा
कब आएगा राम शरण में-२
ना बन तू नादान
जप लै हरी का नाम--------

दीपक शर्मा कुल्लुवी
०९१३६२११४८६
०९-११-२०१०.

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