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कण कण में









kan kan mein

है कण कण में तेरा बास श्याम
तू हर दिल में दिखता है
तू प्यार मुहब्बत से सबकी
तकदीरें लिखता है

दीपक शर्मा कुल्लुवी
०९१३६२११४८६
०१-१२-२०१०.

मेरे आंसुओं में
हंसी है मेरी
मेरी हंसी पे मत जाना
अश्क आपके भी छलक आएँगे

दीपक शर्मा कुल्लुवी
०९१३६२११४८६
०१-१२-२०१०.

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