हिमाचल प्रदेश के राज्य पशु बर्फानी तेंदुए (स्नो लैपर्ड) के संरक्षण के लिए स्पीति घाटी के किब्बर में 5 करोड़ की लागत से रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। प्रदेश के वन्य प्राणी विंग को इस महात्वाकांक्षी परियोजना के लिए 80 लाख की राशि जारी की जा चुकी है। प्रदेश का वन्य प्राणी विंग नेशनल कंजरवेशन फाउंडेशन मैसूर के साथ मिल कर बर्फीले रेगिस्तान में बर्फानी तेंदुए के व्यवहार पर अध्ययन करेगा। हालांकि इंडिया स्नो लैपर्ड ट्रस्ट पिछले कुछ सालों से लाहौल स्पीति में बर्फानी तेंदुए के संरक्षण की मुहिम में जुटा है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से की गई इस पहल को राज्य पशु को बनाने की अनूठी पहल के तौर पर देखा जा रहा है। वन्य प्राणी विंग के सूत्रों के अनुसार किब्बर के रिसर्च सेंटर को मंगोलिया में बनाए गए रिसर्च सेंटर के आधार पर विकसित किया जाएगा। यहां कैमरा ट्रैप और रेडियो कॉलरिंग के माध्यम से बर्फानी तेंदुए के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा। ऐसे अध्ययन से इस वन्य प्राणी के संरक्षण को बल मिलेगा। इसकी संख्या में भी इजाफा होगा। बर्फानी तेंदुआ 10 हजार फीट की ऊंचाई से लेकर 18 हजार फीट की ऊंचाई पर बर्फीले क्षेत्र में पाया जाता है। प्रदेश में मात्र 35 बर्फानी तेंदुए बचे हैं। इनमें से 24 स्पीति घाटी में हैं। इस खूबसूरत वन्य प्राणी के संरक्षण के लिए रिसर्च सेंटर को वन्य प्राणी के संरक्षण के लिए एक वरदान मान रहे हैं।
Home »
YOU ARE HERE
» बर्फीले रेगिस्तान में बर्फानी तेंदुए पर होगा शोध
बर्फीले रेगिस्तान में बर्फानी तेंदुए पर होगा शोध
Posted by हिमशिक्षा
Posted on शनिवार, दिसंबर 03, 2011
with 1 comment
हिमाचल प्रदेश के राज्य पशु बर्फानी तेंदुए (स्नो लैपर्ड) के संरक्षण के लिए स्पीति घाटी के किब्बर में 5 करोड़ की लागत से रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। प्रदेश के वन्य प्राणी विंग को इस महात्वाकांक्षी परियोजना के लिए 80 लाख की राशि जारी की जा चुकी है। प्रदेश का वन्य प्राणी विंग नेशनल कंजरवेशन फाउंडेशन मैसूर के साथ मिल कर बर्फीले रेगिस्तान में बर्फानी तेंदुए के व्यवहार पर अध्ययन करेगा। हालांकि इंडिया स्नो लैपर्ड ट्रस्ट पिछले कुछ सालों से लाहौल स्पीति में बर्फानी तेंदुए के संरक्षण की मुहिम में जुटा है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से की गई इस पहल को राज्य पशु को बनाने की अनूठी पहल के तौर पर देखा जा रहा है। वन्य प्राणी विंग के सूत्रों के अनुसार किब्बर के रिसर्च सेंटर को मंगोलिया में बनाए गए रिसर्च सेंटर के आधार पर विकसित किया जाएगा। यहां कैमरा ट्रैप और रेडियो कॉलरिंग के माध्यम से बर्फानी तेंदुए के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा। ऐसे अध्ययन से इस वन्य प्राणी के संरक्षण को बल मिलेगा। इसकी संख्या में भी इजाफा होगा। बर्फानी तेंदुआ 10 हजार फीट की ऊंचाई से लेकर 18 हजार फीट की ऊंचाई पर बर्फीले क्षेत्र में पाया जाता है। प्रदेश में मात्र 35 बर्फानी तेंदुए बचे हैं। इनमें से 24 स्पीति घाटी में हैं। इस खूबसूरत वन्य प्राणी के संरक्षण के लिए रिसर्च सेंटर को वन्य प्राणी के संरक्षण के लिए एक वरदान मान रहे हैं।
*****************************************************************************************************
आप अपने लेख और रचनाएँ मेल कर सकते
himdharamail. blogupdate@blogger.com
*****************************************************************************************************
himdharamail. blogupdate@blogger.com
1 comments:
हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्यवसायिक ब्लोगर्स की अभिव्याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।
Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.
good information.
जवाब देंहटाएं