चुन्नी तिलेदार
आँवा मैं तेरे दरवार दातिए
चुन्नी मैं चढ़ावाँ तिल्लेदार दातिए
--आँवा मैं तेरे दरवा-------------
(1 )किसे दे हत्थां च माए फुल्लां दा हार ए
चोला किसे हत्थ किसे दे श्रृंगार ए
करदी सदा तू स्वीकार दातिए
चुन्नी मैं चढ़ावाँ तिल्लेदार दातिए
आँवा मैं तेरे दरवा-------------
(2 ) अपणे तौं माए दूर करीं न
भूल कोई हो जाए माफ़ करीं माँ
तू है बड़ी दिलदार दातिए
चुन्नी मैं चढ़ावाँ तिल्लेदार दातिए
आँवा मैं तेरे दरवा-------------
(3 ) मैं 'दीपक' माए जलदा रहाँ मैं
दुनीयाँ नूँ रौशन करदा रहाँ मैं
करदी रहीं तू उपकार दातिए
चुन्नी मैं चढ़ावाँ तिल्लेदार दातिए
आँवा मैं तेरे दरवा-------------
(4 ) सारा जग माए तेरा दीवाना
दीपक'कुल्लुवी' नूँ तेरा सहारा
मिलदा रहे हर बार दातिए
चुन्नी मैं चढ़ावाँ तिल्लेदार दातिए
आँवा मैं तेरे दरवा-------------
दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
9350078399
24 /3 /12 .
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्यवसायिक ब्लोगर्स की अभिव्याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।
Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.