चले आओ न तरसाओ कसम है तेरे भक्तो की
न ठुकराओ अर्ज़ कान्हा झड़ी बहती है अश्कों की
--चले आओ न तरसाओ कसम --------------
(१) हम जितना चाहते तुझको तू उतना ही सताता है-2
कोई तुझको न पा ले इसलिए सबको भागता है-2
डराओ न हमें कान्हा-2 हमें आदत हैं झटकों की
चले आओ न तरसाओ कसम --------------
(2 ) तू कर सकता है जो चाहे तुझे रोकेगा क्या कोई-2
कभी राधा कभी मीरा तेरी यादों में ही खोई-2
बदल जाती हैं तकदीरें-2 तेरी यादों में मस्तों की
चले आओ न तरसाओ कसम --------------
(3 ) मैं 'दीपक 'हूँ जलूँ कितना मुझे भी दर्द होता है-2
तरी रहमत में सुन कान्हा कहाँ कोई फर्क होता है-2
तू पत्थर दिल नहीं दाता-2 पुकार सुन ले तू बच्चों की
चले आओ न तरसाओ कसम --------------
दीपक कुल्लुवी
१७/३/12
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