अतीत के पन्ने
जो अभी भी आगम
हो जाते हैं
कहीं किसी रूप
को लिए
सहमे से माकूल
सहम जाते जाते हैं
भविष्य को आंकने
के लिए
कलम जब कागज
पर उतराने, आगम होने
सही मायनों के संग
फिर भी भयवश
कलम कागज के
पन्नों को पलट देता
अतीत को आगम कर
लेता है।
जो अभी भी आगम
हो जाते हैं
कहीं किसी रूप
को लिए
सहमे से माकूल
सहम जाते जाते हैं
भविष्य को आंकने
के लिए
कलम जब कागज
पर उतराने, आगम होने
सही मायनों के संग
फिर भी भयवश
कलम कागज के
पन्नों को पलट देता
अतीत को आगम कर
लेता है।
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