भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर जहा दुष्ट राजा हिर्ह्येकाश्याप का अंत किया, वही उस होलिका का भी विनाश हुआ जिस को आग में ना जलने का वरदान भी भगवान ने ही दिया था,भगवान दयालु है- पालनहार है पर अहंकार, आतंक, असत्य और परनिंदा को स्वीकार नहीं करते ! होली रंगों का त्यौहार होता है और रंग प्रेम के परिचायक ! रंग वोहि स्वीकार सकते हैं जिन के मन में अनुराग हो ! अपनत्व हो और जो नेकदिल इन्सान हो इसलिए इस होली के पावन पर्व पर भगवान नरसिंह का ध्यान कर अपने मन से हर बुराई का दहन कर भविष्य की............., पवित्र, सुखद ,शाश्वत, पापरहित और प्रेममयी होली के रंग अपने और देशवासियों के जीवन में लाने का संकल्प करे और सभी के उज्वल भविष्य की उज्वल कामना हम भारतवासी मिलकर करें !!!!
रंग प्रेम के हों ,संग हो प्रेममयी ,
नफरत का ना आवास हो दिल में ...,
अगर ऐसे होंगे रंग होली के , तो इन महकते रंगों को ,
जीवन में लाने के किसी भी मजहब को परहेज ना होगें !!!
अमृत कुमार शर्मा
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