Home » YOU ARE HERE » होली मुबारीक

होली मुबारीक


                         भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर जहा दुष्ट राजा हिर्ह्येकाश्याप का अंत किया, वही उस होलिका का भी विनाश हुआ जिस को आग में ना जलने का वरदान भी भगवान ने ही दिया था,भगवान दयालु है- पालनहार है पर अहंकार, आतंक, असत्य और परनिंदा को स्वीकार नहीं करते ! होली रंगों का त्यौहार होता है और रंग प्रेम के परिचायक ! रंग वोहि स्वीकार सकते हैं जिन के मन में अनुराग हो ! अपनत्व हो और जो नेकदिल इन्सान हो इसलिए इस होली के पावन पर्व पर भगवान नरसिंह का ध्यान कर अपने मन से हर बुराई का दहन कर भविष्य की............., पवित्र, सुखद ,शाश्वत, पापरहित और प्रेममयी होली के रंग अपने और देशवासियों के जीवन में लाने का संकल्प करे और सभी के उज्वल भविष्य की उज्वल कामना हम भारतवासी मिलकर करें !!!!
रंग प्रेम के हों ,संग हो प्रेममयी ,
नफरत का ना आवास हो दिल में ...,
अगर ऐसे होंगे रंग होली के , तो इन महकते रंगों को ,
जीवन में लाने के किसी भी मजहब को परहेज ना होगें !!!
अमृत कुमार शर्मा

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

हिमधारा हिमाचल प्रदेश के शौकिया और अव्‍यवसायिक ब्‍लोगर्स की अभिव्‍याक्ति का मंच है।
हिमधारा के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।
हिमधारा में प्रकाशित होने वाली खबरों से हिमधारा का सहमत होना अनिवार्य नहीं है, न ही किसी खबर की जिम्मेदारी लेने के लिए बाध्य हैं।

Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.

Popular Posts

Followers