आसान नहीं मेरा सफर देख रही हूँकुछ छाँव मिले अब वो शजर देख रही हूँ
हाँ बादे सबा को में जिधर देख रही हूं
खुशबू लिए महकी सी सहर देख रही हूँ
मुश्किल है बहुत हिज्र में दिल को मिले आराम
उठती है जो गम की मै लहर देख रही हूँ
हिरणी की तरह चाल है अल्हड सी जवानी
उड़ती हुयी उसकी मैं चुनर देख रही हूँ
देखो तो मुहब्बत का ये अंजाम हुया है
तेरे बिना सूना सा नगर देख रही हूँ
पहचान नही होती जहां झूठ की सच की
उस जां पे खडा तन्हा बशर देख रही हूँ
हमदर्द जहां में नज़र आता नही कोई
पत्थर बने इंसां हैं जिधर देख रही हूँ
कड़की जो कहर बन के मिरी बाम पे बिजली
झुलसा हुआ अपना ही मैं घर देख रही हूँ
दुनिया की जिसे फ़िक्र है दिन रात यहां पर
उसको नहीं "निर्मल" की खबर देख रही हूँ
हाँ बादे सबा को में जिधर देख रही हूं
खुशबू लिए महकी सी सहर देख रही हूँ
मुश्किल है बहुत हिज्र में दिल को मिले आराम
उठती है जो गम की मै लहर देख रही हूँ
हिरणी की तरह चाल है अल्हड सी जवानी
उड़ती हुयी उसकी मैं चुनर देख रही हूँ
देखो तो मुहब्बत का ये अंजाम हुया है
तेरे बिना सूना सा नगर देख रही हूँ
पहचान नही होती जहां झूठ की सच की
उस जां पे खडा तन्हा बशर देख रही हूँ
हमदर्द जहां में नज़र आता नही कोई
पत्थर बने इंसां हैं जिधर देख रही हूँ
कड़की जो कहर बन के मिरी बाम पे बिजली
झुलसा हुआ अपना ही मैं घर देख रही हूँ
दुनिया की जिसे फ़िक्र है दिन रात यहां पर
उसको नहीं "निर्मल" की खबर देख रही हूँ
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