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लगाव: लगाव: जैसे ही कदम बढ़ाते हैं

नयी उमंगें नया जोश 
नए साल में
नयी बहार नयी उमंग
भरता है इस बहार में

नया रुखसार नए फ़िराक में
बदलते हुए कभी इस डगर
कभी उस डगर दिलकश
अंदाज में

बर्फ की नयी फुआरें
सिसक लेती सांसों को
कहीं रुकते हैं कदम तो
कहीं फिर से बढ़ते है उमंग
कहीं रुकते है कदम    

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