मानसून का आगमन
मानसून का हो आगमन
झूम उठा है सबका मन
घोर उफनती उमस ने,
चमचमाती धूप ने
निकाल दिया था सबक दम
खुश हुआ है सबका मन
सही समय पर किया प्रदार्पण
मौज मनाओ ख़ुशी मनाओ
वर्षा जल भी उपयोग में लाओ
न कमी हो जल की जन जन
जल स्रोत का संचार कराओ
ऐसे कुछ तुम कूप बनाओ
इक्टठा करो यूँ वर्षा का जल
पानी को न यूँ बहाओ
पानी बिन कैसे हो सुखी जन जन
जल ही जीवन है
बता दो सब जन
पानी मिले भरपूर घर घर
उसमे बसा है जीवन हम सब जन
पानी बचाओ मोज उडाओ
Written by Phool Singh
Recomended by Deepak Kulluvi for Himdhara
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