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भष्‍टाचार

भष्‍टाचार किसी भी देश के लिए अभिशाप है । इसे समाप्‍ता होना ही चाहिए। सत्‍यता ईमानदारी कर्तव्‍यपरायणता बहुत ही जरूरी है। ऐसी व्‍यवस्‍था तभी सम्‍भव है जब सभी को हर सुख सुविधायें मिले भेदभाव समाप्‍त हो सब को काम मिले तभी भष्‍टाचार से लड़ना सम्‍भव है। पैसे का अभाव ही भष्‍ट तंत्र को जन्‍म देता है। शुरूआत हो गई नये सवेरा आने की बस इन्‍तजार है की सुबह कब होगी ।


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